मालवा लाइव/जयराज भट्ट
सारंगी। देश को आजाद हुवे 75 साल से ज्यादा हो गए है और आजादी के साथ ही राजपूतो के राज ओर जागीरी व्यवस्था भी खत्म हो गई परंतु इतने सालों बाद भी राजपूत समाज ने अपने रीतिरिवाजों ओर प्रथाओं को प्रतीकात्मक रूप से कैसे जीवित रखा है वर्तमान ही में झाबुआ राज्य के जागीरदार ठिकाना सारंगी में देखने को मिला। यह ठिकाना राठौर राजपूतो की फतेहसिंह होत शाखा की जागीर था। यहां पिछली 26 अक्टूबर को यहां के ठाकुर साहब रावले वीरभद्र सिंह जी का दुःखद निधन हो गया था। उनके देहांत के 12 दिनों के क्रियावर के बाद उनकी जगह दिनांक 7 नवम्बर 2024 को सारंगी ठिकाने के नए ठाकुर विश्वराज सिंह की पाग दस्तूरी कर कुटुम्बजनों की मौजूदगी में उन्हें गद्दीनशीन किया गया। पागदस्तूरी झाबुवा राज्य के युवराज कुंवर कमलेंद्र सिंह जी की तरफ से की गई।
इस समय सारंगी गांव के पाटीदार समाज से गांव पटेल संदीप पटेल एवमं शंभुलाल जी पटेल एवम अन्य समाज के प्रमुखों की तरफ से भी नए ठाकुर साहब की पागदस्तूरी करी गई। पागदस्तूरी के समय पेटलावद क्षेत्र के राजपूत समाज के सभी गणमान्य सरदार व अन्य समाज के लोग भी सारंगी गढ़ में उपस्थित थे। पागदस्तूरी के बाद वहां उपस्थित लोगों ने नए ठाकुर साहब विश्वराज सिंह को नजर न्यौछारावल कर उन्हें आगामी जीवन के लिए शुभकामनाएं दी।


