पेटलावद।
एक एक कण में श्री हरि का वास है। मन वहीं सार्थक है जो हरि के भजन में मग्न रहता है। वहीं कान सफल है जो श्री हरि की कथा सुनते है। जो कलयुग में हरि भजन करता है वह मोक्ष को प्राप्त करता है। भगवान श्री हरि ने अनेक अवतार लिए है। कलिकाल के अंत में भगवान कल्की अवतार लेकर अधर्मियों का नाश कर धर्म की स्थापना करेंगे। उक्त प्रवचन भागवत कथावाचक पं. प्रफुल्ल शुक्ला ने ग्राम टेमरिया में श्रीराम मंदिर सप्त दिवसीय श्रीमद भागवत सप्ताह का वाचन करते हुए कही।
पं. शुक्ला ने कहा कि भगवान श्री हरि की भक्ति दुर्लभ है परंतु वहीं उद्वार करती है।भगवान के तृप्त होने से सारा संसार तृप्त हो जाता है। हरि की भक्ति शिव ब्रम्ह और अन्य देवता भी करते है। जगतवंद जनार्दन,शरणागत वत्सल आदि नाम से हरि को जो पुकारते है।उन्हें नर्क में नहीं जाना पडता है। श्रीहरि रूपी नाव की नौका पर बैठकर मनुष्य कलीकाल की नदी को पार कर सकता है। जिसने मन,वाणी और क्रिया द्वारा हरि भक्ति की है। उसने जीवन पर विजय प्राप्त कर ली है। भगवान श्री हरि के दशावतार के बारे में भी बताया है।
श्रीराम मंदिर पर 90 वर्षो से श्रीमद भागवत पुराण कथा का वाचन पं. शुक्ला के परिवारजन कर रहे है। 90 वर्ष पूर्व स्व. पं. भीमाशंकर जी शुक्ला के द्वारा भागवत कथा का शुभारंभ किया गया था। लगभग 40 वर्षो तक कथा का वाचन पं. भीमाशंकर जी शुक्ला ने तो उनके पुत्र पं. हरिकृष्ण जी शुक्ला ने लगभग 20 वर्षो तक कथा का वाचन किया और वर्तमान में 30 वर्षो से पं. प्रफुल्ल शुक्ला के द्वारा सतत कथा का वाचन किया जा रहा है। कथा रसामृत का पान करने के लिए सैकडों भक्त प्रतिदिन सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक मंदिर परिसर में प्रतिदिन रहते है। प्रतिदिन सुबह व शाम को कथा विश्राम पर महाआरती का आयोजन कर महाप्रसादी का वितरण किया गया। इस अवसर पर कथा के प्रारंभ में पोथी यात्रा निकाली गई। जो की ग्राम के मुख्य मार्गो से होकर श्रीराम मंदिर पहुंची। तथा कथा के विश्राम पर सभी ग्रामीणजनों ने कथा वाचक पं. शुक्ला और पोथी की पूजन की।

