वत्सल आचार्य / थांदला
थांदला (वत्सल आचार्य)संत तपो भूमि थांदला नगर में परोपकार सम्राट आचार्य देवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसुरिश्वरजी म. सा. के शिष्य रत्न मुनि पियूषचन्द्रविजयजी म. सा. एवं जिनचन्द्रविजयजी म.सा. तथा हिन्दू सनातन धर्म के विश्व प्रसिद्ध पिपलखुटा तीर्थ प्रेरक दाड़की वालें बाबा के अनुयायी 1008 आचार्य श्री दयारामदासजी महाराज, बावड़ी मन्दिर के नारायणदासजी महाराज, शांति आश्रम के सुखरामजी महाराज, चिन्मयानंदजी महाराज, प्रमानन्दजी महाराज आदि सन्तों के सानिध्य में सदभावना मैत्री सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें हिन्दू व जैन संघ के सैकड़ो गुरुभक्त शामिल हुए। दोनों समाज के संत प्रमुख के साथ धर्मावलंबियों ने नगर के प्रमुख मार्गों से विशाल मैत्री जुलूस निकाला जो स्थानीय गणेश मन्दिर तथा बावड़ी मन्दिर होता हुआ कार्यक्रम स्थल जिन मन्दिर पहुँचकर धर्म सभा में परिवर्तित हो गया। धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए आचार्य श्री दयारामदासजी महाराज ने कहा कि घर के व्यक्तिगत आयोजन में आमंत्रित अतिथि ही आते है जबकि मन्दिर तो सबका होता है वहाँ तो सभी आते है इसलिए मन्दिर में भेदभाव होना सही नही है यह आने वाली पीढ़ी के लिए भी खतरनाक है। उन्होनें कहा कि भारत में सभी को धर्म प्रवर्तन का अधिकार दिया गया है लेकिन किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचानें का अधिकार किसी को नही दिया है इसलिए सभी को हिलमिल कर एक दूसरें के धर्म का सम्मान करते हुए अपने अपने धर्म की ध्वजा को मजबूत करना चाहिए यही राष्ट्र को मजबूत बनाने का भी उपाय है। इस अवसर पर आशीर्वचन देते हुए मुनि पियुषविजयजी महाराज साहेब ने कहा कि वर्ष 2007 में परोपकार सम्राट गुरुदेव ने मन्दिर के जीर्णोद्धार का संकल्प लेकर इसका विसर्जन किया था जिसके बाद कुछ भ्रांतियों ने व दोनों समाज के आपसी समन्वय आभाव के कारण मन्दिर निर्माण में 15 वर्षों का विलम्ब हो गया। लेकिन दोनों ही पक्षों के मन्दिर निर्माण के प्रयास होते रहे जिससे जो दोनों पक्षों की कटुता थी वह दूर हुई और आज उसकी नींव सद्भावना मैत्री सम्मेलन में देखने को मिल रही है। आज परोपकार सम्राट की 11वीं मासिक पुण्यतिथि पर उनका दिव्यशीष ही कहे कि राष्ट्र संत भक्त मलुकदासजी महाराज की सर्व समाज समन्वय की धरोहर को पुनः उनके द्वारा स्थापित मन्दिर की तरह ही नव निर्माण किया जाएगा। मन्दिर निर्माण कार्य अहमदाबाद के पुण्यशाली दानदाता भूषण भाई शाह के साथ नगर के अनेक पुण्यशाली गुरुभक्तों के अर्थ सहयोग से किया जाएगा। उन्होनें कहा कि आगामी 4 मई अक्षय तृतीया के दिन इसका मुहूर्त किया जाएगा वही जून माह में शिलान्यास भूमि पूजन कर मन्दिर निर्माण अविराम गति से चलेगा। कार्यक्रम में अध्यक्षीय उदबोधन देते हुए कमलेश जैन दायजी ने सकल जैन समाज के साथ सनातन धर्म के सदस्यों का स्वागत करते हुए मन्दिर निर्माण में अपेक्षित सहयोग की भावना व्यक्त की।
सनातन धर्म के संरक्षक अशोक अरोड़ा ने भी मन्दिर निर्माण में आये वैचारिक मतभेदों की बात कर आपसी समन्वय से भव्य मंदिर की परिकल्पना के लिए सभी को धन्यवाद दिया। धर्म सभा में उपस्थित सनातन धर्म प्रेमीजनों जैन श्रीसंघ, भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस पार्टी पदाधिकारियों तथा स्थानीय पत्रकारगणों ने मुनि द्वय को काम्बली व शाल ओढ़ाकर बहुमान कर उनका आशिर्वाद लिया। धर्म सभा प्रभावना का लाभ सानिया मयूर वर्धमान तलेरा परिवार द्वारा लिया गया। कार्यक्रम का संचालन संघ के वरिष्ठ सदस्य संजय फुलफगर ने किया वही प्रफुल्ल पोरवाल ने सबके प्रति आभार माना। इस अवसर पर भाजपा अजजा प्रदेशाध्यक्ष अध्यक्ष कलसिंह भाभर, वरिष्ठ नेता श्यामा ताहेड़, नगर परिषद अध्यक्ष बंटी डामोर, उपाध्यक्ष मनीष बघेल, गगनेश उपाध्याय, लक्ष्मण राठौड़, समर्थ उपाध्याय, विनीत शर्मा, सचिन सौलंकी, वत्सल आचार्य जैन स्थानकवासी संघ अध्यक्ष जितेंद्र घोड़ावत, सचिव प्रदीप गादिया, दिगम्बर संघ अध्यक्ष अरुण कोठारी, विजय भिमावत, तेरापंथ सभा अरविंद रुनवाल, संतोष जैन, भारतीय प्रेस आयोग के समकित तलेरा, पवन नाहर, जैन श्रीसंघ के वरिष्ठ सदस्य कमल पीचा, मूलचंद लुणावत, कनकमल भण्डारी, अनोखीलाल मोदी, यतीश छिपानी, समकित तलेरा, आनंदीलाल पोरवाल, उमेश बी पीचा, रमणलाल मुथा, अर्पित लुणावत आदि की गरिमामय उपस्थिति रही। इस अवसर पर थांदला के अलावा जावरा, खाचरौद व विभिन्न स्थानों से आये श्रीसंघों ने गुरुदेव के समक्ष अक्षय तृतीया पारणे व आगामी चातुर्मास की पुरजोर विनन्ति की गई।