झाबुआ रतलाम जिले में 2 मंत्री होने बाद भी 50 किमी का सफर तय करने में लग रहे ढाई घंटे -रतलाम-झाबुआ रोड बदहाल : घटिया निर्माण के चलते 116 किमी लंबी सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे- ऐसी है बदहाली -वाहन चालक और राहगीर परेशान, गाड़ियां होती हैं पंक्चर -पैचवर्क के नाम पर ठेकेदार करता है लीपापोती, कई जगह सड़क दबी पेटलावद। तन्मय चतुर्वेदी

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झाबुआ रतलाम जिले में 2 मंत्री होने बाद भी 50 किमी का सफर तय करने में लग रहे ढाई घंटे

-रतलाम-झाबुआ रोड बदहाल : घटिया निर्माण के चलते 116 किमी लंबी सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे-

ऐसी है बदहाली

-वाहन चालक और राहगीर परेशान, गाड़ियां होती हैं पंक्चर

-पैचवर्क के नाम पर ठेकेदार करता है लीपापोती, कई जगह सड़क दबी

पेटलावद। तन्मय चतुर्वेदी


करोड़ों की लागत से बनी सड़क पर घटिया निर्माण के चलते गड्ढे ही गड्ढे हो रहे हैं।  सड़क ऐसी छलनी हुई कि इसकी कोई सुध नहीं ले रहा। गिट्टी के साथ मिट्टी निकल आई है। आए दिन वाहन पंक्चर हो रहे है। वाहनों में मेंटेनेंस बढ़ने से बसों के संचालन में परेशानी बढ़ गई है। आलम यह है कि 50 किमी का सफर तय करने में ढाई घंटे लग रहे हैं।

मामला रतलाम-झाबुआ सड़क का है। एमपीआरडीसी की देखरेख में बना रतलाम-झाबुआ मार्ग इन दिनों बड़े-बड़े गड्ढे और जगह-जगह से उखड़ी सड़क अपनी दुर्दशा की कहानी खुद बयां कर रही है। जब से इस सड़क का निर्माण हुआ, तभी से बनने के बाद इस पर गड्ढे होना शुरू हो गए थे। ठेकेदार ने मरम्मत भी कराई, लेकिन गड्ढे नहीं भरे गए। सड़क पर भारी वाहनों के निकलने से छोटे-छोटे गड्ढों ने बड़ा आकार ले लिया। हालत यह है कि प्रत्येक 500 मीटर पर दो से तीन फीट चौड़ा गड्ढा हो गया है। कई जगह से सड़क दब गई है तो कई स्थान पर यह नजर नहीं आ रही है।

रतलाम जिले तक सड़क के यही हाल

सड़क निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर जिम्मेदार कितने गंभीर है,  जब उखड़ी सड़क का पैचवर्क किया गया तो वह भी घटिया था कि अब बड़े-बड़े गड्ढे हो गए। इस तरह की स्थिति थांदला-बामनिया-करवड़-घुघरी-रानीसिंह सहित रतलाम जिले के भी गांवों में बनी हुई है।
कई बार पैचवर्क के बावजूद यह हाल

दरअसल मप्र सड़क विकास प्राधिकरण के तहत चेतक इंटरप्राइजेस ने इस रतलाम-झाबुआ मार्ग का निर्माण 1 जुलाई 2010 से शुरू किया था, जो चार साल में 30 जून 2014 को पूर्ण हुआ। इसकी लंबाई 116 किमी है। 89 करोड़ की लागत से बनने वाले इस मार्ग का निर्माण कछुआ गति से चला और 4 साल में निर्माण कार्य पूर्ण हुआ। बनते बनते ही यह सडक उखड़ने लगी थी। ऐसा नही है कि यह सड़क पहली बार उखड़ी हो इससे पहले भी कई बार पैचवर्क के बाद सडक फिर से उखड़ गई।


सड़क बनने चलते हर बार बारिश में घटिया सड़क निर्माण की पोल खुलती गई। पहले भी सड़क उखड़ने पर ठेकेदार ने पेचवर्क करके घटिया साम्रगी की हकीकत को छुपाने का प्रयास किया था, लेकिन वो पेचवर्क फिर से उखड़ गया और गड्ढे जानलेवा हो गए है। रतलाम मार्ग पर कई जगह सड़क इतनी धंस गई है कि मार्ग पूरी तरह खराब हो गया और बड़े-बड़े खाईनुमा गड्ढे हो गए। यह गड्ढे हर समय किसी बड़ी दुर्घटनाओं को न्योता दे रहे हैं। पूरी सड़क पर धूल के गुबार उड़ रहे हैं। इससे लोग खासे परेशान हैं। अब स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई है।

यहां सबसे ज्यादा परेशानी

बामनिया-रतलाम के मध्य बामनिया-करवड़ के बीच लाड़की नदी घाट, पश्चिम छायन में कचनारिया फंटा, गोदडिया और करवड-रानीसिंग के बीच गंगाखेड़ी से घुघरी तक कई स्थान, मोर घाट, रानीसिंग से रतलाम के मध्य भी कई ऐसे स्थान जहां मार्ग बार-बार स्थाई गड्ढों में बदल चुका है। निजी चार पहिया और दुपहिया वाहन तो मार्ग बदलकर गंतव्य तक आना-जाना कर रहे हैं। अन्यत्र जिलों से इस मार्ग से सफर करने वाले मजबूरी में यहीं से गुजर रहे हैं।

बदनावर होकर पहुंच रहे वाहन

मार्ग की दयनीय हालत के कारण कई वाहन चालक बदनावर होकर रतलाम का सफर तय कर रहे हैं। इससे 40 किमी अतिरिक्त यानी 50 किमी का सफर 90 किमी में तय हो रहा है। पेटलावद-झाबुआ और आलीराजपुर का नजदीकी व्यापारिक केंद्र रतलाम है। ऐसे में मार्ग की हालत बेहद खराब है। यह मार्ग जब से बना है, तभी से इसकी गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते आए हैं।

वही झाबुआ ओर रतलाम जिले के संसदीय क्षेत्र की बात करे तो यह 3 मंत्री ओर 1 सांसद है उसके बाद भी रतलाम से झाबुआ के बीच बनी 116 किलोमीटर की इस सड़क से जनता परेशान है । हालांकि सोशल मीडिया पर गांव - गांव की छोटी - छोटी सड़को की मंजूरी मिलने पर खुशी ऐसे जाहिर की जा रही है । मानो जैसे कोई 4 लेन बनाने के लिए मंजूरी मिली हो । रतलाम झाबुआ रोड से  अलीराजपुर, झाबुआ के कई व्यापारी भी रोजाना इस रोड से सफर करते थे । खराब रोड होने के कारण कई बार हादसे का शिकार भी होते है पर जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों ओर अधिकारियों ने इस ओर अभी तक ध्यान नही दिया।

थोड़े दिन पहले सुना था कि होगा रतलाम झाबुआ 4 लेन 

थोड़े दिन पहले पूर्व सांसद गुमानसिंह डामोर में कार्यकाल में सोशल मीडिया के जरिए यह जरूर सुना था कि रतलाम झाबुआ रोड को 4 लेन की मंजूरी मिल गई है। लेकिन अब तक यह पता नही चला की कार्य कब चालू होगा।

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