जय श्री कृष्ण👏🏻
संस्थापक - प. पू. गुरूदेव आचार्यडाँ देवेन्द्र जी शास्त्री (धारियाखेडी)
मन्दसौर (म. प्र.)
09977943155
☀ ~ आज का श्रीविद्या पंचांग~☀
☀ 29 - Jul - 2022
☀ Mandsaur, India
☀~ श्रीविद्या पंचांग ~☀
🔅 तिथि प्रतिपदा +01:23 AM
🔅 नक्षत्र पुष्य 09:47 AM
🔅 करण :
किन्स्तुघ्ना 12:26 PM
बव 12:26 PM
🔅 पक्ष शुक्ल
🔅 योग सिद्धि 06:35 PM
🔅 वार शुक्रवार
☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ
🔅 सूर्योदय 05:57 AM
🔅 चन्द्रोदय 06:11 AM
🔅 चन्द्र राशि कर्क
🔅 सूर्यास्त 07:14 PM
🔅 चन्द्रास्त 07:59 PM
🔅 ऋतु वर्षा
☀ हिन्दू मास एवं वर्ष
🔅 शक सम्वत 1944 शुभकृत
🔅 कलि सम्वत 5124
🔅 दिन काल 01:17 PM
राक्षस संवत्सर
🔅 विक्रम सम्वत 2079
🔅 मास अमांत श्रावण
🔅 मास पूर्णिमांत श्रावण
☀ शुभ और अशुभ समय
☀ शुभ समय
🔅 अभिजित 12:09:26 - 13:02:38
☀ अशुभ समय
🔅 दुष्टमुहूर्त 08:36 AM - 09:29 AM
🔅 कंटक 01:55 PM - 02:49 PM
🔅 यमघण्ट 05:28 PM - 06:21 PM
🔅 राहु काल 10:56 AM - 12:36 PM
🔅 कुलिक 08:36 AM - 09:29 AM
🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 03:42 PM - 04:35 PM
🔅 यमगण्ड 03:55 PM - 05:35 PM
🔅 गुलिक काल 07:36 AM - 09:16 AM
☀ दिशा शूल
🔅 दिशा शूल पश्चिम
☀ चन्द्रबल और ताराबल
☀ ताराबल
🔅 अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती
☀ चन्द्रबल
🔅 वृषभ, कर्क, कन्या, तुला, मकर, कुम्भ
*सहपरिवार सादर आमंत्रित*
श्रावण मास के पवित्र अवसर पर 11 लाख पार्थिव शिवलिंग निर्माण एवं महा रुद्राभिषेक महोत्सव एवं *श्रीमद् भागवत भक्ति महोत्सव 4 से 10 अगस्त तक*
कष्टभंजन रामायण मित्र मंडल बनी द्वारा मास पारायण रात्रि 8:00 बजे से 11:00 बजे तक दिनांक 14 जुलाई से 12 अगस्त 2022 तक
*स्थान श्री कृष्ण कामधेनु गौशाला हरिहर आश्रम बनी तह० पेटलावद जिला झाबुआ मध्य प्रदेश*
*श्रावण में रुद्राभिषेक करने का महत्व*
“रुद्राभिषेकं कुर्वाणस्तत्रत्याक्षरसङ्ख्यया, प्रत्यक्षरं कोटिवर्षं रुद्रलोके महीयते। पञ्चामृतस्याभिषेकादमृत्वम् समश्नुते।। ”
श्रावण में रुद्राभिषेक करने वाला मनुष्य उसके पाठ की अक्षर-संख्या से एक-एक अक्षर के लिए करोड़-करोड़ वर्षों तक रुद्रलोक में प्रतिष्ठा प्राप्त करता है। पंचामृत का अभिषेक करने से मनुष्य अमरत्व प्राप्त करता है।
*श्रावण मास में भूमि पर शयन*
"केवलं भूमिशायी तु कैलासे वा समाप्नुयात" - स्कन्दपुराण
श्रावण मास में भूमि पर शयन करने से मनुष्य कैलाश में निवास प्राप्त करता है।
*पार्थिव शिवलिंग*
जो पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर एकबार भी उसकी पूजा कर लेता है, वह दस हजार कल्प तक स्वर्ग में निवास करता है, शिवलिंग के अर्चन से मनुष्य को प्रजा, भूमि, विद्या, पुत्र, बान्धव, श्रेष्ठता, ज्ञान एवं मुक्ति सब कुछ प्राप्त हो जाता है | जो मनुष्य ‘शिव’ शब्द का उच्चारण कर शरीर छोड़ता है वह करोड़ों जन्मों के संचित पापों से छूटकर मुक्ति को प्राप्त हो जाता है |’
कलियुग में पार्थिव शिवलिंग पूजा ही सर्वोपरि है
कृते रत्नमयं लिंगं त्रेतायां हेमसंभवम्
द्वापरे पारदं श्रेष्ठं पार्थिवं तु कलौ युगे (शिवपुराण)
शिवपुराण के अनुसार पार्थिव शिवलिंग का पूजन सदा सम्पूर्ण मनोरथों को देनेवाला हैं तथा दुःख का तत्काल निवारण करनेवाला है |
पार्थिवप्रतिमापूजाविधानं ब्रूहि सत्तम ॥
येन पूजाविधानेन सर्वाभिष्टमवाप्यते ॥
*अग्निपुराण के अनुसार*
त्रिसन्ध्यं योर्च्चयेल्लिङ्गं कृत्वा विल्वेन पार्थिवम् ।
शतैकादशिकं यावत् कुलमुद्धृत्य नाकभाक् ।। ३२७.१५ ।। अग्निपुराण
जो मनुष्य प्रतिदिन तीनों समय पार्थिव लिङ्ग का निर्माण करके बिल्वपत्रों से उसका पूजन करता है, वह अपनी एक सौ ग्यारह पीढ़ियों का उद्धार करके स्वर्गलोक को प्राप्त होता है।
*स्कंदपुराण के अनुसार*
प्रणम्य च ततो भक्त्या स्नापयेन्मूलमंत्रतः॥
ॐहूं विश्वमूर्तये शिवाय नम॥
इति द्वादशाक्षरो मूलमंत्रः॥ ४१.१०२ ॥
"ॐ हूं विश्वमूर्तये शिवाय नमः" यह द्वादशाक्षर मूल मंत्र है। इससे शिवलिंग को स्नान कराना चाहिए।
☀~ श्रीविद्या पंचांग ~☀
कार्यालय
श्रीविद्यापचांग
सिद्धचक्र विहार
मन्दसौर मध्यप्रदेश
आप का दिन शुभ हो
भारतमाता की जय
09977943155

