शिवरात्रि महोत्सव के पावन अवसर के पूर्व एक दिवसीय संगीतमय शिव पार्वती विवाह कथा का आयोजन

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 शिवरात्रि महोत्सव के पावन अवसर के पूर्व एक दिवसीय संगीतमय शिव पार्वती विवाह कथा का आयोजन।

गौरव व्यास शाजापुर 


शाजापुर। शिव की साधना शिव की उपासना क्यों की जाती है शिव को त्रिभुवन गुरु क्यों माना है शिवजी त्रिभुवन गुरु इसलिए कहलाए हैं क्योंकि वो अपना आशीर्वाद सदक के ऊपर ऐसा बना देते हैं जिससे सदक की साधना में गति आ जाती है तेज गति देखो पांडवों ने श्री कृष्ण भगवान को पाया पहले उन्होंने पांडुकेश्वर भगवान की स्थापना की पांडुकेश्वर भगवान की कृपा से उनको श्री कृष्णा मिले शिवा ने पांडवों की  भक्ति में गति दी फिर देखें आप नरसी मेहता ने भगवान हाटकेश्वर का आश्रय पाया था तो हाटकेश्वर भगवान की कृपा से गति मिली नरसिंह मेहता को भगवान श्री कृष्णा मिले, यह प्रसंग है पंडित राहुल शर्मा के जो उन्होंने गायत्री नगर स्थित नीलकंडेश्वर महादेव मंदिर पर एक दिवसीय संगीतमय शिव पार्वती विवाह कथा के दौरान सुनाए, संगीतमय शिव पार्वती विवाह कथा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तिमय संगीत पर झूम उठे।

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