प्रवीण बसेर। मालवा लाइव
‘‘ कृषि आदान व्यवसायी अब विशेषज्ञ की भूमिका में - जिले के उर्वरक और कीटनाशी विक्रेताओ को कृषि पाठ्यक्रम का डिप्लोमा ’’
मानव सभ्यता के विकास के साथ ही खेती किसानी में नित नई विधाओं को अपनाने का सुदीर्घ इतिहास रहा है। वैज्ञानिक अनुसंधानो से कृषिगत क्षेत्र में विकसित नित नई उन्नत तकनीक अपनाने मे भी किसान समुदाय कभी पिछे नही रहा। मेहनतकश किसान समुदाय के दिन रात परिश्रम और उन्नत कृषिगत तकनीक के सुयोग से देश के कृषिगत क्षेत्र में उपलब्धियों और विकास के नये आयाम गढे़ है। किन्तु बदलते हुऐ वैश्विक परिवेश के मद्देनजर यह आवश्यक है कि कृषिगत क्षेत्र की टिकाउ उन्नति और उत्तरोत्तर आर्थिक विकास के लिये नवीन तकनीक के प्रचार-प्रसार में व्यवसायी समुदाय की सक्रिय भागीदारी समय की महती आवश्यकता है। कृषि आदान व्यवसाय के क्षेत्र में दशको से जुडे व्यापारी समुदाय को नवीन और उन्नत वैज्ञानिक कृषि तकनीक और समझ से सुपरिचित करवाने के लिये भारत सरकार द्वारा प्रारंभ डिप्लोमा पाठ्यक्रम एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। डिप्लोमा पाठ्यक्रम के माध्यम से जिले के आदान विक्रेता बंधु उन्नत कृषिगत प्रोद्योगिकी के गुढ़ रहस्यो को महीनता से समझकर किसान समुदाय की आजिविका उन्नयन में कन्धे से कन्धा मिलाकर अपना योगदान दे सकेगे। कीटनाशको और उर्वरक विक्रय के साथ-साथ उनके न्यायोचित ढ़ंग से उपयोग के बारे में भी किसानो को बेहतर ढ़ंग से जानकारी देने में डिप्लोमा पाठ्यक्रम आदान व्यवसायीयों के लिये मददगार साबित होगा। उक्त उद्गार व्यक्त करते हुऐ मुख्य अतिथी के रूप में उप संचालक कृषि नगीनसिंह रावत ने जिले के 74 आदान विक्रताओ को डिप्लोमा प्रमाण-पत्र वितरीत करते हुऐ बधाई शुभकामनाऐं प्रेषित की।
भारत सरकार की कृषि विस्तार क्षेत्र की देश की शीर्षस्थ संस्था मेनेज हैदराबाद द्वारा देश में कृषि आदान विक्रेताओ के लिये बहुआयामी डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित किया जाता है। झाबुआ जिले में डिप्लोमा पाठ्यक्रम की पंचम और षष्ठ बैच के अभ्यर्थीयों द्वारा डिप्लोमा पाठ्यक्रम परीक्षा सफलतापूर्वक उर्त्तीण करने के फलस्वरूप उनकी पत्रोपाधी प्रमाण-पत्र वितरण का कार्यक्रम उप संचालक कृषि के मुख्य आतिथ्य में कृषि विज्ञान केन्द्र में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जिले के विभिन्न विकासखण्डो के 74 प्रतिभागीयों को उनके डिप्लोमा प्रमाण-पत्र वितरीत किये गये। डिप्लोमा पाठ्यक्रम के लिये जिले के कृषि आदान व्यवसायीयो द्वारा अनवरत कक्षाओ में भागीदारी करते हुऐ ज्ञानार्जन के फलस्वरूप डिप्लोमा प्रमाण-पत्र प्राप्त होने से पाठ्यक्रम की दोनो बैच के प्रतिभागीयो में हर्ष और उल्लास देखा गया। कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख डॉ. जगदीश मोर्य द्वारा अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में खेती किसानी में वैज्ञानिक अनुसंधानो और नवीनतम उन्नत तकनीक की उपयोगिता को रेखांकित करते हुऐ डिप्लोमा अभ्यर्थीयों को प्रेरणादायी उद्बोधन से अभिसंचित किया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. डी.एस.तोमर ने आसन्न वैश्विक परिवेश में कृषि में नवीन तकनीक के प्रचार-प्रसार की संभावनाओ और विधाओ से सदैव सुसज्जीत रहने पर जोर दिया। डॉ. तोमर ने डिप्लोमा अर्जित प्रतिभागीयो से तकनीकी ज्ञान के सुझबूझ और लगन के साथ किसान समुदाय के बीच प्रचार प्रसार करने का आव्हान किया। कार्यक्रम के दौरान स्वागत उद्बोधन देते हुऐ जिले के नोडल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की ओर से उप परियोजना संचालक आत्मा श्री एम.एस.धार्वे ने पाठ्यक्रम की महत्ता और उपयोगिता के संबध में सारगर्भित प्रकाश डाला।
कृषि विज्ञान केन्द्र के सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान डिप्लोमा पाठ्यक्रम बैच की ओर से श्री नाथूलाल पाटीदार पेटलावद, श्री राजेश बलसोरा रामा द्वारा प्रतिनिधित्व उद्बोधन के साथ-साथ पाठ्यक्रम अवधि के अपने अनुभव भी साझा किये। नाथूलाल पाटीदार ने डिप्लोमा पाठ्यक्रम के दौरान अभ्यर्थीयो द्वारा अर्जित ज्ञान से संतोष व्यक्त करते हुऐ कहां की विगत दो वर्षो के दौरान उन्नत कृषिगत तकनीक के सिद्धांतो और नये आयामों की समझ विकसीत होने से व्यवसायी बंधुओ में उर्जा का नया संचार हुआ है। पाठ्यक्रम की परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुऐ सर्वोच्च अंक हासिल करने के फलस्वरूप श्री कन्हैयालाल बामनीया, श्री कुणाल पाटीदार को कास्य प्रमाण-पत्र, श्री गोविन्द पाटीदार एवं श्री जालू भूरिया को रजत प्रमाण-पत्र तथा श्री कांतिलाल परमार एवं श्री संदीप भण्डारी को स्वर्ण प्रमाण-पत्र से अंलकृत किया गया। पाठ्यक्रम के फेसिलिटेटर श्री प्रदीप पिपाडा द्वारा पाठ्यक्रम के उद्देश्यपूर्ण संचालन में अभ्यर्थीयों की सक्रिय सहभागिता के लिये व्यवसायीयों की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुऐ अतिथियों के करकमलो से प्रमाण-पत्र वितरण सम्पन्न कराया।
कार्यक्रम का संचालन तकनीकी अधिकारी श्रीमति भानुप्रिया बावनीया और आभार प्रदर्शन श्री मालसिंह धार्वे उप परियोजना संचालक आत्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम के दौरान आत्मा परियोजना के श्री गौरीशंकर त्रिवेदी, श्री ब्रजेश गोठवाल, श्री मनुएल भाबोर, श्री योगेश यादव, श्री राजेश भूरिया, पाठ्यक्रम के नोडल अधिकारी के रूप में श्री एच.एस.चौहान, श्री एस.एस.रावत द्वारा अपनी सक्रिय सुत्रधारिता से कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन पूर्ण किया।


