पेटलावद। टुडे रिपोर्टर
नगर के पुराने नाका पर जन्माष्टमी के पावन अवसर पर 20वीं मटकी फोड़ प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया। श्री पुराना नाका राधा-कृष्ण मित्र मंडल के तत्वाधान में हुए इस आयोजन ने नगरवासियों का दिल जीत लिया। गुजरात से आए कलाकारों ने राधा-कृष्ण रासलीला की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं, वहीं स्थानीय युवाओं ने गरबा व भक्ति गीतों से माहौल को भक्ति और उत्साह से भर दिया।
रात 12 बजे भगवान राधाकृष्ण की महाआरती संपन्न हुई, जिसके बाद करीब 2 बजे तक मटकी फोड़ प्रतियोगिता का रोमांच जारी रहा। क्रेन से ऊंचाई पर लटकी मटकी को फोड़ने के लिए विभिन्न टीमों ने प्रयास किया। अंततः तारखेड़ी की टीम ने मटकी फोड़कर विजय हासिल की। विजेता टीम को ₹11,000 का नगद पुरस्कार अतुल चौधरी द्वारा प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में आस पास के श्रेत्र के हजारों लोग शामिल हुए। पुलिस प्रशासन व विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने पूरी मुस्तैदी से अपनी सेवाएं दीं।
इस आयोजन को यादगार बनाने में मंडल के साथी खुश मांडोत, रचित गादिया, श्रेयल पटवा, सिद्धू गुगलिया, चेतन जैन, शुभम निमजा आदि का विशेष सहयोग रहा।
इस अवसर पर मंडल के वरिष्ठ साथी राकेश मांडोत, प्रदीप पटवा, अनिल मुलेवा, करण बाबा व्यास, लाला चौधरी, कमलेश भानपुरिया, नाना गोयल उपस्थित रहे। संचालन लोकु परिहार ने किया।
प्रशासन की ओर से एसडीएम तनुश्री मीणा, एसडीओपी अनुरक्ति साबनानी, टीआई निर्भयसिंह भूरिया अपनी पूरी टीम के साथ हर गतिविधियों पर नजर जमाए हुए दिखाई दिए।
पुलिस व्यवस्था की हुई तारीफ-
एसडीओपी अनुरक्ति साबनानी के नेतृत्व में पुलिस चप्पे चप्पे पर तैनात थी और मनचलों के इरादों पर नजर रखे हुए थे। इसलिए लंबे अरसे के बाद बिना विवाद के आयोजन पूर्ण हो पाए।
-झलकियां-
-20 वर्षों से चल रही परंपरा को युवाओं ने दिया नया रंग, नगरवासियों ने जमकर सराहा
-पेटलावद का पुराना नाका बना भक्ति और उत्साह का केंद्र, देर रात तक गूंजती रही जयकारे
-पेटलावद का गौरव: पुराना नाका पर मटकी फोड़ प्रतियोगिता का 20वां साल यादगार बना
-पेटलावद का पुराना नाका बना भक्ति और उत्साह का केंद्र, उमड़ा जनसैलाब
-पेटलावद का ऐतिहासिक 20वां मटकी फोड़ महोत्सव, हजारों की भीड़ बनी साक्षी
-भक्ति, संस्कृति और खेल का अद्भुत संगम: पेटलावद में जन्माष्टमी पर 20वीं मटकी फोड़ प्रतियोगिता
-पुराना नाका गूंजा राधा-कृष्ण रासलीला और गरबा से, हजारों लोग बने साक्षी
-रात 12 बजे महाआरती, 2 बजे तक झूमता रहा नगर
-भक्ति रस में डूबा पुराना नाका, देर रात तक रासलीला और गरबा का आनंद
-हाथी-घोड़ा-पालकी, जयकारों से गूंजा पेटलावद












