संस्कृत प्राचीनतम वैदिक भाषा है: चतुर्वेदी -संस्कृत सप्ताह के आयोजन के दौरान बाल केंद्र प्रमुख विनीता चतुर्वेदी ने कहा

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पेटलावद।


संस्कृत हमारी वैदिक भाषा है। इसे संस्कृत का सबसे प्राचीन रूप माना जाता है, और यह वेदों और संबंधित साहित्य में प्रयुक्त हुई है। संस्कृत का सबसे शुरुआती रूप वैदिक संस्कृत है, जो वेदों और संबंधित साहित्य में पाया जाता है।


यह बातें पेटलावद बाल संस्कृत केंद्र प्रमुख विनीता चतुर्वेदी ने कही। आप तुलसी बाल विद्या मंदिर में आयोजित संस्कृत सप्ताह के दौरान आयोजित कार्यक्रम में विद्यार्थियों के बीच बोल रही थी। चतुर्वेदी ने कहा 

वैदिक संस्कृत का उपयोग हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथों, वेदों, को लिखने के लिए किया गया था तभी से यह भाषा वैदिक कहलाई। संस्कृत का बौद्ध, जैन और सिख धर्मों में भी एक विशेष स्थान है। वैदिक संस्कृत अंततः शास्त्रीय संस्कृत और फिर प्राकृत भाषाओं में विकसित हुई।

आपने आगे कहा आज, वैदिक और शास्त्रीय संस्कृत का उपयोग मुख्य रूप से शैक्षणिक और धार्मिक संदर्भों में किया जाता है।

स्कूल में श्लोक व मंत्र उच्चारण एवं संस्कृत गीत गायन का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर स्कूल के प्राचार्य हरीश जानी,  उपप्राचार्य नारायण राव पवांर, वरिष्ठ शिक्षिका श्रीमती वंदना जानी, अनीता चतुर्वेदी, पुष्पा डाबी उपस्थित रहे।

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