एक ऐसा स्कूल जहां पर नियमित टीचर की नियुक्ति ही नहीं, अतिथि के भरोसे चल रहा है यह स्कूल -108 बच्चे अतिथि शिक्षकों के भरोसे

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 एक ऐसा स्कूल जहां पर नियमित टीचर की नियुक्ति ही नहीं, अतिथि के भरोसे चल रहा है यह स्कूल


-108 बच्चे अतिथि शिक्षकों के भरोसे 


घुघरी। प्रवीण बसेर
करवड़ संकुल शिक्षा केंद्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम रुणजी के शासकीय माध्यमिक स्कूल अतिथि शिक्षक के भरोसे संचालित होता है। कक्षा 6 टी से 8 वी तक के 108 बच्चों को अतिथि शिक्षक ही अध्यापन कार्य पूरा करा रहे है। बताया गया है कि इस स्कूल में एक भी नियमित शिक्षक पदस्थ नहीं है। शिक्षकों के अभाव की वजह से स्कूली बच्चों का शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। जब इस मामले की पड़ताल स्कूल पहुंचकर की गई तो सामने आया कि  तीन अतिथि शिक्षकों द्वारा स्कूल में छात्रों को पढ़ा रहे थे। आश्चर्य की बात यहां यह है कि इस अव्यवस्था के जिम्मेदार अधिकारी शासन के निर्देशों का हवाला दे रे। स्थानीय लोगों ने बताया कि शिक्षक पदस्थापना की मांग  काफी समय से की जा रही है। लेकिन कार्रवाई नहीं की गई है।  करवड़ संकुल केंद्र के ग्राम रुणजी में स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय में 108 बच्चे दर्ज है। किन्तु विद्यालय में शिक्षको का अभाव है, ऐसे में 108 बच्चों की जिम्मेदारी उठाने के लिए स्कूल में कोई शिक्षक पदस्थ्य नहीं था। कहीं ना कहीं स्कूल के बच्चों का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा था। 

 पिछले दिनों मीडिया खबर प्रकाशन में बाद शिक्षा विभाग के संकुल प्राचार्य राकेश कुमार यादव ने माध्यमिक शाला  रुणजी का निरीक्षण किया और व्यवस्था सुचारू करने के लिए एक शिक्षक की वैकल्पिक व्यवस्था की गई। लेकिन कुछ समय के बाद पुनः स्कूल शिक्षक विहीन हो चुका है, यहां अतिथि शिक्षकों के भरोसे 108 छात्र-छात्राओं का भविष्य छोड़ दिया गया है। शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, अतिथि शिक्षक बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं जबकि स्कूल में कोई परमानेंट शिक्षक पदस्थ नहीं है। परमानेंट शिक्षक के भाव में आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के बच्चों का भविष्य खतरे में नजर आ रहा है। 

समीपस्थ विद्यालयो में कम बच्चो पर शिक्षकों की भरमार, जहा जरूरत वहां अभाव -

माध्यमिक विद्यालय ग्राम रुणजी में 108 बच्चे दर्ज है, लेकिन उनको पढ़ने वाला एक भी निमित्त शिक्षक पदस्थ नहीं है। लेकिन ग्राम रुणजी आसपास के ऐसे विद्यालय है जहां 50 से भी कम बच्चे दर्ज है, लेकिन वहां चार रेगुलर शिक्षक व पर्याप्त शिक्षक पदस्थ है। ऐसी स्थिति में कहा जा सकता है कि जहां शिक्षकों का अभाव है वहां तो विभाग ने कोई पदस्थापना नहीं की है। लेकिन जहां कम बच्चे हैं वहां शिक्षकों की भरमार कर दी गई है।

मामले में खंड शिक्षा अधिकारी पेटलावद देवेंद्र कुमार ओझा का कहना है कि पूर्व में अतिथि शिक्षक नहीं थे, जिस वजह से वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी लेकिन अतिथि शिक्षकों के आने के चलते शिक्षक का अटैचमेंट खत्म कर दिया गया है। अटैचमेंट करने के शासन के निर्देश नहीं है अब अतिथि शिक्षक ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं।

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