जितेंद्र नागर । टुडे रिपोर्टर
मेघनगर। जिला कांग्रेस कमेटी झाबुआ के तत्वाधान में मेघनगर के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित केमिकल कारखाने से हो रहे भयंकर प्रदूषण को लेकर विरोध स्वरूप आंदोलन का आयोजन किया गया। आंदोलन में ग्रामीण क्षेत्र से सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण जन आंदोलन स्थल पहुंचे एवं केमिकल कारखानों का घोर विरोध किया।
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने क्षेत्र में केमिकल कारखाने स्थापित करने हेतु भाजपा सरकार को दोषी ठहराते हुए कहा गुजरात का नुकसान कर रही केमिकल फैक्ट्रीयों को मेघनगर में लाकर स्थापित कर दिया गया। भाजपा सरकार को आधे हाथों लेते हुए उन्होंने लाडली लक्ष्मी योजना को लेकर भी मोहन सरकार पर निशान साधा और कहा कि इन्होंने बहनों से किया वादा पूर्ण नहीं किया।
पटवारी ने मंच से कहा कि यदि आपको विकास ही करना है तो कुछ अच्छे उद्योगों की स्थापना मेघनगर होनी चाहिए और यहां के स्थानीय नागरिकों को रोजगार उपलब्ध करवाना चाहिए इन खतरनाक जहर उगलने वाले केमिकल कारखाने की मेघनगर में कोई आवश्यकता नहीं है, यदि आपको चाहिए तो अपने गृह क्षेत्र उज्जैन में ले जाकर इन कारखानों को स्थापित कर लीजिए।
औद्योगिक क्षेत्र के अधिकारी को मंच से चेतावनी देते हुए जीतू पटवारी ने कहा कि यदि दो माह में क्षेत्र से प्रदूषण का सफाया नहीं होता है तो प्रदूषित जल आपको पीना पड़ेगा।
आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय
स्थानीय नेताओं ने भी दिखाया जोश..........
झाबुआ विधायक डॉ विक्रांत भूरिया ने बड़ा आरोप लगाते हुए मेघनगर में स्थित केमिकल कारखानों को वोट चोरी का अड्डा बताया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने कहा कि यदि मेघनगर से केमिकल कारखानों का सफाया नहीं हुआ तो आने वाले समय में सरकार का सफाया हो जाएगा।
"विधायक वीर सिंग भूरिया" ने कहा कि अब यह लड़ाई आर पार की लड़ाई है अब इन केमिकल कारखानों पर ताला लगने के तक लड़ाई जारी रखनी है।
आंदोलन के इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जिले सहित स्थानीय कांग्रेसी नेता उपस्थित रहे।
आंदोलन तो हो गया अब आगे क्या???
जन चर्चा की पिछले कई दिनों से से जिस जीवन बचाओ महा आंदोलन के लिए तैयारी चल रही थी वह 3 घंटे में समाप्त हो गया, क्या 3 घंटे के इस विरोध प्रदर्शन से जहरीले केमिकल कारखाने बंद हो जाएंगे, क्या समस्याओं का कोई स्थाई निराकरण हो पाएगा , क्या वाकई 2 महीने बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पुनः क्षेत्र की इस समस्या की समीक्षा करेंगे या यह सिर्फ एक राजनीतिक कार्यक्रम बनकर रह जाएगा???



