सालों पुरानी परंपरा को निभाते आ रही सिर्वी समाज; पारंपरिक ढूंढ़ कार्यक्रम का आयोजन हुआ

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तन्मय चतुर्वेदी ।मालवा LiVE

पेटलावद। सालों पुरानी परंपरा को निभाते आ रही सिर्वी समाज नगर के सिर्वी समाज भी ढूंढ़ का कार्यक्रम आयोजन करते आ रही है। ये उत्सव डुलेटी के दिन रात्रि में मनाया जाता है। शुक्रवार को रात्रि करीब 9 बजे से चमठा चौक पर सभी समाजजन एकत्रित हुए और ढूंढ का कार्यक्रम की शुरुआत की गई।  जिसमें समाज की गैर एक प्रकार से बधाई गीत गाते हुए जाती है और बच्चे को उसका मामा गोद मे लेकर बैठता है और उस गेर पर डंडो की बरसात करती है और परम्परा की गीत गाते है। जिसका बचाव उसका मामा करता है। ततपश्चात उस बालक या बालिका की दीर्घायु कामना करते हुए गेर उसे आशीर्वाद देती है। बच्चों के परिजन भोज का आयोजन करके उत्साह और उमंग से होली मानते है।

वही साथ ही  डांडिया नृत्य की प्रस्तुति के साथ ही समाज के बच्चें से लेकर वृद्धजनों ने इस उत्सव में भाग लेकर पूरा आनंद लिया। वहीं इस वर्ष भी सिर्वी समाज मे भी विशेष रूप से इस परंपरा का निर्वहन किया।

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