आस्था के अग्नीपथ पर सधे कदम

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मालवा लाइव।निर्मल व्यास                        

राजकीय थांदला बदनावर मार्ग से लगे ग्राम टेमरिया में शुक्रवार को वर्षों पुरानी परंपराओं का निर्वहन करते हुए  दहकते अंगारों व आग की लपटों के  बीच हाथ में आस्था का कलश लिए नंगे पेर 50 से अधिक ग्रामीणों का कारवां गुजरा तो पूरा अंचल माता हिंगलाज व भोलेनाथ के जयकारों से गूंज उठा चूल में चलने वालों में बच्चे महिला एवं पुरुष शामिल शामिल हुऐ इस वर्ष 7 वर्ष के मासूम ने भी अपनी मनोकामना  को लेकर अग्नि पथ पर चला *ऐसे की जाती है चुल तैयार* कुंटलो  लकड़ी को भोलेनाथ  मंदिर के प्रांगण में करीब 8 फीट लंबे 2 फीट  से अधिक गहरे गड्ढों में एक साथ जलाया जाता है जब लकड़ी जलकर अंगारो का आकर  ले लेती है तब ग्राम से इकट्ठा किया गया करीब 10 किलो से अधिक शुद्ध घी को उस में डाल कर उसकी लोह को और तेज किया जाता है तब मन्नत धारी हाथ में आस्था का कलश लिए हुए उस पर से गुजरते हैं *हल्दी मेहंदी की रस्म* इसके पूर्व स्थानीय धर्मशाला में सभी श्रद्धालु एक साथ इकट्ठा होते हैं जहां उन्हें मेहंदी एवं हल्दी की रस्म के साथ मंगल गीत गाऐ जाते हैं  तब ढोल और जयकारों के बीच मन्नत धारी इन दहकते अंगारों पर चलकर अपनी आस्था पुरी करते हैं

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