हर घर मे तुलसी का पौधा होना चाहिए , माता पिता द्वारा बच्चों को प्रतिदिन प्रातः रामायण, श्रीमद्भागवत गीता का स्वध्याय कराना चाहिए-मानस भारती सुश्री अर्पणा

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रायपुरिया। पितृ मोक्ष शिव महापुराण के अंतिम दिन भगवान भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंग की महिमा श्रोताओं को सुनाई गई।अंतिम दिन होने से पूरा पांडाल कथा श्रवण करने आए श्रद्धालुओं से भरा हुआ था।कथावाचक मानस भारती सुश्री अर्पणा जी ने बताया कि 7 दिनों तक जो शिव महापुराण की कथा का वाचन किया गया। उन सभी का फल देश की बॉर्डर पर हमारी रक्षा कर रहे सैनिकों को मिले। भगवान भोलेनाथ से प्रार्थना की गई साथ उन सैनिकों का हौसला हमेशा बढ़ता रहे। क्योंकि इन सैनिकों की वजह से ही आज हम सुरक्षित रह रहे हैं। आज के युग में हिंदू धर्म को बचाने की बहुत बड़ी आवश्यकता है। माता पिता अपने बच्चों को शुरू से ही अच्छे संस्कार की शुरुआत करना चाहिए। आज की युवा पीढ़ी धर्म के मार्ग से दूर होती जा रही है। प्रत्येक घर में तुलसी का पौधा होना चाहिए जहां पर भगवान लक्ष्मी नारायण की कृपा उन परिवारों में बनती है। शराब मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसके सेवन करने से परिवार बर्बाद हो जाता है।अपनी भाग्य की रेखा चमकाना है तो प्रतिदिन गौ माता को रोटी अपनी हथेली में रखकर खिलाना चाहिए। गौ माता की जुबान आपकी हथेली पर पड़ेगी तो उससे आपकी किस्मत चमक जाएगी। माता पिता का फर्ज होता है कि अपने बच्चों को सुबह जल्दी उठा कर रामायण ,महाभारत ,भगवत गीता का स्मरण कराना चाहिए जिससे उन बच्चों में अच्छे संस्कारों की पूर्ति होगी। कथा समाप्ति के बाद यज्ञ आहुति दी गई। उसके बाद महाशिवपुराण की महा आरती उतारी गई और महा प्रसादी वितरण की गई। उसके बाद शाम के समय शोभा यात्रा निकाली गई। कथा स्थल से बैंड बाजे ढोल धमाकों के साथ जिसमें बग्गी पर विराजमान कथावाचक मानस भारती सुश्री अर्पणा जी विराजमान थी। कार्यक्रम समाप्ति पर पत्रकार राजेश राठौड़ ने पत्नी के साथ झाबुआ जिले की प्रसिद्ध आदिवासी परंपरा की गुड़िया का प्रतीक चिन्ह  सुश्री अर्पणा जी को  सप्रेम भेंट की गई।

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