☀ ~ आज का श्रीविद्या पंचांग~☀ ☀ 15 - May - 2022

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 जय श्री कृष्ण👏🏻

संस्थापक -  प. पू. गुरूदेव आचार्यडाँ देवेन्द्र जी शास्त्री (धारियाखेडी)

मन्दसौर (म. प्र.)

09977943155



☀ ~ आज का श्रीविद्या  पंचांग~☀


☀ 15 - May - 2022

☀ Mandsaur, India


☀~ श्रीविद्या  पंचांग ~☀

  

🔅 तिथि  चतुर्दशी  12:47 PM

🔅 नक्षत्र  स्वाति  03:35 PM

🔅 करण :

           वणिज  12:47 PM

           विष्टि  12:47 PM

🔅 पक्ष  शुक्ल  

🔅 योग  व्यतीपात  09:48 AM

🔅 वार  रविवार  


☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ    

🔅 सूर्योदय  05:47 AM  

🔅 चन्द्रोदय  06:21 PM  

🔅 चन्द्र राशि  तुला  

🔅 सूर्यास्त  07:05 PM  

🔅 चन्द्रास्त  +05:41 AM  

🔅 ऋतु  ग्रीष्म  


☀ हिन्दू मास एवं वर्ष    

🔅 शक सम्वत  1944  शुभकृत

🔅 कलि सम्वत  5124  

🔅 दिन काल  01:17 PM  

      राक्षस संवत्सर

🔅 विक्रम सम्वत  2079  

🔅 मास अमांत  वैशाख  

🔅 मास पूर्णिमांत  वैशाख  


☀ शुभ और अशुभ समय    

☀ शुभ समय    

🔅 अभिजित  11:59:36 - 12:52:47

☀ अशुभ समय    

🔅 दुष्टमुहूर्त  05:18 PM - 06:11 PM

🔅 कंटक  10:13 AM - 11:06 AM

🔅 यमघण्ट  01:45 PM - 02:39 PM

🔅 राहु काल  05:25 PM - 07:05 PM

🔅 कुलिक  05:18 PM - 06:11 PM

🔅 कालवेला या अर्द्धयाम  11:59 AM - 12:52 PM

🔅 यमगण्ड  12:26 PM - 02:05 PM

🔅 गुलिक काल  03:45 PM - 05:25 PM

☀ दिशा शूल    

🔅 दिशा शूल  पश्चिम  


☀ चन्द्रबल और ताराबल    

☀ ताराबल  

🔅 अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद  

☀ चन्द्रबल  

🔅 मेष, वृषभ, सिंह, तुला, धनु, मकर  


*विष्णुपदी संक्रांति* 

पुण्य काल सूर्योदय से दोपहर 12:35 तक |

विष्णुपदी संक्रांति में किये गये जप-ध्यान व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है | – (पद्म पुराण , सृष्टि खंड)

सुख – सम्पदा और श्रेय की प्राप्ति - वैशाखी पूर्णिमा

16 मई 2022 सोमवार को वैशाखी पूर्णिमा है ।

 वैशाखी पूर्णिमा को ‘धर्मराज व्रत’ कहा गया है | यह पूर्णिमा दान-धर्मादि के अनेक कार्य  करने के लिए बड़ी ही पवित्र तिथि है | इस दिन गरीबों में अन्न, वस्त्र, टोपियाँ, जूते-चप्पल, छाते, छाछ आदि का वितरण करना चाहिए | अपने स्नेहियों, मित्रों को सत्साहित्य, 

 इस दिन यदि तिलमिश्रित जल से स्नान कर घी, शर्करा और तिल से भरा हुआ पात्र भगवान विष्णु को निवेदन करें और उन्हीं से अग्नि में आहुति दें अथवा तिल और शहद का दान करें, तिल के तेल के दीपक जलाये, जल और तिल से तर्पण करें अथवा गंगादि में स्नान करें तो सब पापों से निवृत्त  हो जाते हैं | यदि उस दिन एक समय भोजन करके पूर्ण-व्रत करें तो सब प्रकार की सुख-सम्पदाएँ और श्रेय की प्राप्ति होती

       *वैशाखी पूनम* 

वैशाख मास की पूर्णिमा की कितनी महिमा है !! इस पूर्णिमा को जो गंगा में स्नान करता है , भगवत गीता और विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ करता है उसको जो पुण्य होता है उसका वर्णन इस भूलोक और स्वर्गलोक में कोई नहीं कर सकता उतना पुण्य होता है | ये बात स्कन्द पुराण में लिखी हुई है


☀~ श्रीविद्या  पंचांग ~☀


कार्यालय

श्रीविद्यापचांग

सिद्धचक्र विहार 

मन्दसौर मध्यप्रदेश 

आप का दिन शुभ हो 

भारतमाता की जय

09977943155

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