मोदी नाम के सहारे फीलगुड में नेता कार्यकर्ता, कही कांग्रेस की वाइड बॉल का शिकार न हो जाए

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 मोदी नाम के सहारे फीलगुड में नेता कार्यकर्ता, कही कांग्रेस की वाइड बॉल का शिकार न हो जाए


-निष्ठावान पुराने कार्यकर्ताओ के भरोसे नैया पार की जुगत में कांग्रेस



वाइड बॉल- मनोज जानी 

9425486856





देश में एनडीए 400 पार के नारे के साथ फीलगुड कर रही भाजपा के लिए कांग्रेस राज्य में कई स्थानों पर राह आसान नही करने की स्थिति में दिखाई देती है। 

नईदिल्ली से लेकर भोपाल और गांवों तक के भाजपा नेता फीलगुड में दिखाई देकर मजबूती से बिना फील्ड में पहुचे भाजपा की जीत के दावे कर रहे है।

दूसरी ओर कार्यकर्ताओ की कमी और बचे खुचे नेताओ के भाजपा का दामन थाम लेने के बाद भी कांग्रेस पार्टी आंतरिक कलह से भी जूझ रही है। कई और ऐसे नेता हैं जो कभी भी भाजपा का साथ छोड़ सकते हैं। 

तीन चरण के चुनाव सम्पन्न हो गए है। मतदान का प्रतिशत साफ साफ बता रहा है कार्यकर्ता उदासीन है, वे फीलगुड में है। मोदी सरकार तो आ रही है इसलिए सभी ओपचारिक्तमे लगे है।

बता दे कि अटलजी की सरकार, फीलगुड, इंडिया शाइनिंग किसी से छुपा नही है। इसी फीलगुड में कांग्रेस की मनमोहनसिंह सरकार बन गई थी। हालांकि मोदी-शाह की जोड़ी अपनी पैनी निगाह से सभी सीटों पर गढ़ाए बैठे है। जो किसी भी प्रकार की चूक ओर रिस्क नही चाहते।

कुछ स्थानों पर प्रत्याशी मेहनत कर रहे है पर वे भी मोदी नाम के सहारे की अपनी चुनावी वैतरणी पार करना चाहते है, पर बिना कार्यकर्ता रूपी मेहनत के सम्भव नही है। कार्यकर्ता घरों और व्यापारी कार्यकर्ता दुकानं पर व्यापार में व्यस्त है। जीत हुई तो सबसे पहले जुलूस में पहुचेंगे। खेर यह मामला राजनीतिक है इससे लेखक को कोई लेना देना नही की कौन कैसे चुनाव कार्य मे लगा है।

दूसरी तरफ कांग्रेस अपने चुनाव प्रचार को भाजपा के आनुषंगिक संघठन की तरह चुपचाप पिछले रास्ते से करती दिख रही है ऐसा कांग्रेसी राजनीतिकों का मानना है।

पर भाजपा के लिए सतर्कता जरूरी है, नही तो कार्यकर्ता और अब इस चुनाव में नेताओ की भी कमी से झुझ रही कांग्रेस की वाइड बॉल का शिकार भाजपा और उसके कार्यकर्ता न हो जाए।

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