मुदित शुक्ला की रिपोर्ट
पेटलावद। शिव महापुराण की कथा मोक्ष प्रदान करती है। श्रावण मास के इसके श्रवण मात्र से सभी पापों का अंत होता है। भगवान शिव जगत रूप है और वह सत्यम शिवम सुंदरम है। वह सत्य पर चलने वाले और ईश्वर के प्रति सच्ची श्रद्वा रखने वालों पर कोई कष्ट नहीं आने देते है। इस हेतु हमें निष्काम भाव से भगवान की सेवा,पूजा और अर्चना करनी चाहिए। वह हमारे कर्मो का हमें उचित फल हमें समय आने पर देते है।
उक्त बात नगर के निलकंठेश्वर महादेव मंदिर पर 15 दिवसीय शिव महापुराण कथा के शुभारंभ के प्रथम दिवस सोमवार को विद्वान कथा वाचन व्यासपीठ पर विराजीत पं. प्रफुल्ल हरिकृष्ण शुक्ला ने पुराण वाचन के दरम्यान कहीं।
नगर के निलकंठेश्वर महादेव मंदिर पर पं. शुक्ला के घर से पौथी को सिर पर रख कर कथा स्थल तक श्रद्वालु लाए और कथा का शुभारंभ किया। मंदिर पर प्रारंभ हुई कथा प्रतिदिन सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगी। जिसमें नगर के सैकडों कथा प्रेमी कथा का लाभ लेगें।
उल्लेखनीय है कि निलकंठेश्वर महादेव मंदिर पर श्रावण मास में शिवमहापुराण कथा का वाचन लगभग 75 वर्ष से होता आ रहा है। यहां कथा का प्रारंभ पं. भीमाशंकर शुक्ला के द्वारा किया गया था। जिसके पश्चात उनके पुत्र पं. हरिकृष्ण शुक्ला ने वाचन किया और अब उनके पौते पं. प्रफुल्ल शुक्ला कथा का वाचन करते है।मंदिर के पुजारी मनोहर दास वैरागी और महाकाल भक्त मंडल ने सभी श्रद्वालुओं से अपील की है कि शिव महापुराण कथा का लाभ ले और इस धार्मिक आयोजन को सफल बनाये।