पेटलावद। तन्मय चतुर्वेदी
ब्राम्हण एवं वैदिक परम्परा का प्रतीक श्रावणी उपाकर्म (यज्ञोपवीत) रक्षाबन्धन के अवसर पर प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी आयोजित किया गया।
यह आयोजन ब्राह्मण समाज पेटलावद पम्पावती नदी के तट पर स्थित श्री सरस्वती नंदन स्वामी भजनाश्रम पर आयोजित किया गया। पण्डित श्री अरविंद भट्ट द्वारा विधिकर्म सम्पन्न करवाये गए। पंडित आशुतोष दवे सहयोगी के रूप में साथ रहे। इस महत्वपूर्ण संस्कार में ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष मनोज जानी, महेंद्र द्विवेदी, कोषाध्यक्ष धर्मेंद्र द्विवेदी, अशोक रामावत, हरीश व्यास, जीवन भट्ट, नरेश नारायण शुक्ल, सत्यनारायण जोशी, आशुतोष दवे, निलेश भट्ट ने संस्कार लाभ प्राप्त किया।
इस अवसर पर पंडित अरविंद भट्ट ने संस्कार करवाते हुए कहा श्रावणी उपाकर्म ब्राह्मणों का सबसे बड़ा त्योहार है। इसके कर्म से आत्म शुद्धि तो होती है साथ मे वर्षभर जाने अनजाने में की गई भूल के किए गए क्षमा का प्राश्चित पूर्वजो व भगवान के माफी मांगकर की जाती है।
ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष मनोज जानी ने बताया अपनी परम्परा के निर्वहन पर वैदिक लाभ से जो आत्मानुभूति होती इसे व्याख्यित करना सम्भव नही है।