ग्राम जामली मे करंट लगने से मोर की मौके पर मौत। मयुर संरक्षण की नही बनी कोई ठोस योजना।

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जामली से राहुल बैरागी।

देश का राष्ट्रीय पक्षी मोर संरक्षण को लेकर मोहताज है।मोरो के मरने की खबरे लगातार आम हो गई है।राष्ट्रीय पक्षी मयुर हर जगह दाने पानी को लेकर भटकते दिख जाएंगे।विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रो मे किसी जंगली जानवर का शिकार या करंट लगने से मोरो की मौत अक्सर होती रहती है।

मामला ग्राम जामली मे मोर की मौत का है,यह कोई पहला मामला नही है,इलके पहले भी कई मोरो ने संरक्षण के अभाव मे जान गवाई है। दरअसल सोमवार शाम को ग्राम के पाटीदार धर्मशाला के पास अचानक बिजली के तारो से करंट लगने पर मौर की मौत हो गई।वही उसी जगह पर पहले भी कई मोरो की मौत उसी बिजली के पोल के पास करंट लगने से हो गई।इससे राष्ट्रीय पक्षी की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठ रहे है।सैकडो की संख्या मे मोर क्षेत्र के आसपास विचरण करते है या ये कहे इसके बीच वे दाना पानी के लिए भटकते है।वर्षो से मयुर संरक्षण को लेकर मांग उठ रही है।वहीं मोरो के लगातार संरक्षण के अभाव मे जान गंवाने का यह पहला मामला नही है।इस तरह से लगातार मोरो की संख्या मे कमी आती जा रही है।इसके पहले कई बार जानवरो का शिकार होकर भी मोरो ने जान गंवाई है।मोर को वन विभाग के कर्मचारी मौके से ले गए।


हाईटेशन लाईन हटाने की मांग......


वहीं ग्राम जामली के पशुप्रेमी और समाजसेवक भी चिंता मे है।मोर की मौत के प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि मोर दाने पानी के लिए भटकते है।एक मोर का पैर ग्राम मे से गुजर रही हाईटेंशन लाईन के तार मे फंसा,करंट लगते ही मोर निचे गिरा और दम तोड दिया।उक्त हाईटेंशन लाईन ग्राम के बीचो बीच है।समीप ही पीपल के पेड पर रोजाना पचास की संख्या मे मोरो की झुंड शाम के समय इकट्ठा होता है।नजदीक ही हाईटेंशन लाईन के चपेट मे आ जाते है।ग्रामीणो की मांग है कि उक्त लाईट को गांवो के बाहर से निकाला जाए,जिससे अचानक मोर इसकी चपेट मे ना आए।वही यह उच्च बिजली प्रवाह वाली लाईट आमजन के लिए भी खतरनाक है।

वहीं ग्रामीणो ने बताया कि इसके पहले भी उक्त पोल के तार मे उलझकर मोर करंट की चपेट मे मोर की मौत हुई।यही नही हर गांवो मे मोरो की मौत होती रहती है।लेकिन अब तक किसी गांव मे मोरो के संरक्षण के लिए कोई ठोस योजना नही बनी।

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