☀ ~ आज का श्रीविद्या पंचांग~☀ ☀ 18 - Apr - 2022

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जय श्री कृष्ण👏🏻

संस्थापक -  प. पू. गुरूदेव आचार्यडाँ देवेन्द्र जी शास्त्री (धारियाखेडी)
मन्दसौर (म. प्र.)
09977943155


☀ ~ आज का श्रीविद्या  पंचांग~☀


☀ 18 - Apr - 2022


☀ Mandsaur, India

☀~ श्रीविद्या  पंचांग ~☀


   
🔅 तिथि  द्वितीया  07:25 PM
🔅 नक्षत्र  विशाखा  +03:39 AM
🔅 करण :
           तैतिल  08:46 AM
           गर  08:46 AM
🔅 पक्ष  कृष्ण  
🔅 योग  सिद्धि  08:23 PM
🔅 वार  सोमवार  

☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ    


🔅 सूर्योदय  06:06 AM  
🔅 चन्द्रोदय  08:41 PM  
🔅 चन्द्र राशि  तुला  
🔅 सूर्यास्त  06:52 PM  
🔅 चन्द्रास्त  07:06 AM  
🔅 ऋतु  वसंत  

☀ हिन्दू मास एवं वर्ष    


🔅 शक सम्वत  1944  शुभकृत
🔅 कलि सम्वत  5124  
🔅 दिन काल  12:46 PM  
      राक्षस संवत्सर
🔅 विक्रम सम्वत  2079  
🔅 मास अमांत  चैत्र  
🔅 मास पूर्णिमांत  वैशाख  

☀ शुभ और अशुभ समय    


☀ शुभ समय    
🔅 अभिजित  12:03:51 - 12:54:55
☀ अशुभ समय    
🔅 दुष्टमुहूर्त  12:54 PM - 01:46 PM
🔅 कंटक  08:39 AM - 09:30 AM
🔅 यमघण्ट  12:03 PM - 12:54 PM
🔅 राहु काल  07:42 AM - 09:17 AM
🔅 कुलिक  03:28 PM - 04:19 PM
🔅 कालवेला या अर्द्धयाम  10:21 AM - 11:12 AM
🔅 यमगण्ड  10:53 AM - 12:29 PM
🔅 गुलिक काल  02:05 PM - 03:40 PM
☀ दिशा शूल    
🔅 दिशा शूल  पूर्व  

☀ चन्द्रबल और ताराबल    


☀ ताराबल  
🔅 भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती  
☀ चन्द्रबल  
🔅 मेष, वृषभ, सिंह, तुला, धनु, मकर  

*कोई कष्ट हो तो* 


19 अप्रैल 2022 मंगलवार को संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय रात्रि 09:58)
हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं ।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या | ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है | उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों |
 *छः मंत्र इस प्रकार हैं –*
ॐ सुमुखाय नम: : सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे ।
ॐ दुर्मुखाय नम: : मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है 
ॐ मोदाय नम: : मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले । उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें ।
ॐ प्रमोदाय नम: : प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है । और  जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है ।
ॐ अविघ्नाय नम:
ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:

☀~ श्रीविद्या  पंचांग ~☀


कार्यालय


श्रीविद्यापचांग
सिद्धचक्र विहार 
मन्दसौर मध्यप्रदेश 
आप का दिन शुभ हो 
भारतमाता की जय

09977943155

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