☀ ~ आज का श्रीविद्या पंचांग~☀ ☀ 16 - Apr - 2022

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जय श्री कृष्ण👏🏻

संस्थापक -  प. पू. गुरूदेव आचार्यडाँ देवेन्द्र जी शास्त्री (धारियाखेडी)

मन्दसौर (म. प्र.)

09977943155



☀ ~ आज का श्रीविद्या  पंचांग~☀


☀ 16 - Apr - 2022

☀ Mandsaur, India


☀~ श्रीविद्या  पंचांग ~☀


🔅 तिथि  पूर्णिमा  +00:26 AM

🔅 नक्षत्र  हस्त  08:40 AM

🔅 करण :

           विष्टि  01:30 PM

           बव  01:30 PM

🔅 पक्ष  शुक्ल  

🔅 योग  हर्शण  +02:44 AM

🔅 वार  शनिवार  


☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ    

🔅 सूर्योदय  06:08 AM  

🔅 चन्द्रोदय  06:33 PM  

🔅 चन्द्र राशि  कन्या  

🔅 सूर्यास्त  06:51 PM  

🔅 चन्द्रास्त  चन्द्रास्त नहीं  

🔅 ऋतु  वसंत  


☀ हिन्दू मास एवं वर्ष    

🔅 शक सम्वत  1944  शुभकृत

🔅 कलि सम्वत  5124  

🔅 दिन काल  12:43 PM  

      राक्षस संवत्सर

🔅 विक्रम सम्वत  2079  

🔅 मास अमांत  चैत्र  

🔅 मास पूर्णिमांत  चैत्र  


☀ शुभ और अशुभ समय    

☀ शुभ समय    

🔅 अभिजित  12:04:24 - 12:55:18

☀ अशुभ समय    

🔅 दुष्टमुहूर्त  06:08 AM - 06:58 AM

🔅 कंटक  12:04 PM - 12:55 PM

🔅 यमघण्ट  03:28 PM - 04:18 PM

🔅 राहु काल  09:18 AM - 10:54 AM

🔅 कुलिक  06:58 AM - 07:49 AM

🔅 कालवेला या अर्द्धयाम  01:46 PM - 02:37 PM

🔅 यमगण्ड  02:05 PM - 03:40 PM

🔅 गुलिक काल  06:08 AM - 07:43 AM

☀ दिशा शूल    

🔅 दिशा शूल  पूर्व  


☀ चन्द्रबल और ताराबल    

☀ ताराबल  

🔅 अश्विनी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद  

☀ चन्द्रबल  

🔅 मेष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, धनु, मीन  


*हनुमान जयंती* 

जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। कभी कोई विरोधी परेशान करता है तो कभी घर के किसी सदस्य को बीमारी घेर लेती है। इनके अलावा भी जीवन में परेशानियों का आना-जाना लगा ही रहता है। ऐसे में हनुमानजी की आराधना करना ही सबसे श्रेष्ठ है। इस बार 16 अप्रैल, शनिवार को हनुमान जयंती है। हनुमानजी की कृपा पाने का यह बहुत ही उचित अवसर है। यदि आप चाहते हैं कि आपके जीवन में कोई संकट न आए तो नीचे लिखे मंत्र का जप हनुमान जयंती के दिन करें। प्रति मंगलवार या शनिवार को भी इस मंत्र का जप कर सकते हैं।

                  *मंत्र*

ऊँ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा

*वैशाख मास स्नान आरंभ* 

चैत्र शुक्ल पूर्णिमा से वैशाख मास स्नान आरंभ हो जाता है। यह स्नान पूरे वैशाख मास तक चलता है। इस बार वैशाख मास स्नान 16 अप्रैल, शनिवार से प्रारंभ हो रहा है ।

स्कंदपुराण में वैशाख मास को सभी मासों में उत्तम बताया गया है। पुराणों में कहा गया है कि वैशाख मास में सूर्योदय से पहले जो व्यक्ति स्नान करता है तथा व्रत रखता है, वह भगवान विष्णु का कृपापात्र होता है। स्कंदपुराण में उल्लेख है कि महीरथ नामक राजा ने केवल वैशाख स्नान से ही वैकुण्ठधाम प्राप्त किया था। इसमें व्रती को प्रतिदिन प्रात:काल सूर्योदय से पूर्व किसी तीर्थस्थान, सरोवर, नदी या कुएं पर जाकर अथवा घर पर ही स्नान करना चाहिए। स्नान करने के बाद सूर्योदय के समय अर्ध्र्य देते समय नीचे लिखा मंत्र बोलना चाहिए-

वैशाखे मेषगे भानौ प्रात: स्नानपरायण:।

अध्र्यं तेहं प्रदास्यामि गृहाण मधुसूदन।।

वैशाख व्रत महात्म्य की कथा सुनना चाहिए तथा ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का यथासंभव जप करना चाहिए। व्रती को एक समय भोजन करना चाहिए। वैशाख मास में जलदान का विशेष महत्व है। इस मास में प्याऊ की स्थापना करवानी चाहिए। पंखा, खरबूजा एवं अन्य फल, अन्न आदि का दान करना चाहिए।

स्कंदपुराण के अनुसार इस मास में तेल लगाना, दिन में सोना, कांसे के बर्तन में भोजन करना, दो बार भोजन करना, रात में खाना आदि वर्जित माना गया है। वैशाख मास के देवता भगवान मधुसूदन हैं।


☀~ श्रीविद्या  पंचांग ~☀


कार्यालय

श्रीविद्यापचांग

सिद्धचक्र विहार 

मन्दसौर मध्यप्रदेश 

आप का दिन शुभ हो 

भारतमाता की जय

09977943155

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