☀ ~ आज का श्रीविद्या पंचांग~☀ ☀ 17 - Apr - 2022

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जय श्री कृष्ण👏🏻

संस्थापक -  प. पू. गुरूदेव आचार्यडाँ देवेन्द्र जी शास्त्री (धारियाखेडी)

मन्दसौर (म. प्र.)

09977943155



☀ ~ आज का श्रीविद्या  पंचांग~☀

☀ 17 - Apr - 2022

☀ Mandsaur, India


☀~ श्रीविद्या  पंचांग ~☀

 

🔅 तिथि  प्रतिपदा  10:03 PM

🔅 नक्षत्र :

               चित्रा  07:17 AM

               स्वाति  07:17 AM

🔅 करण :

           बालव  11:17 AM

           कौलव  11:17 AM

🔅 पक्ष  कृष्ण  

🔅 योग  वज्र  11:39 PM

🔅 वार  रविवार  


☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ    

🔅 सूर्योदय  06:07 AM  

🔅 चन्द्रोदय  07:36 PM  

🔅 चन्द्र राशि  तुला  

🔅 सूर्यास्त  06:52 PM  

🔅 चन्द्रास्त  06:26 AM  

🔅 ऋतु  वसंत  


☀ हिन्दू मास एवं वर्ष    

🔅 शक सम्वत  1944  शुभकृत

🔅 कलि सम्वत  5124  

🔅 दिन काल  12:44 PM  

      राक्षस संवत्सर

🔅 विक्रम सम्वत  2079  

🔅 मास अमांत  चैत्र  

🔅 मास पूर्णिमांत  वैशाख  


☀ शुभ और अशुभ समय    

☀ शुभ समय    

🔅 अभिजित  12:04:07 - 12:55:07

☀ अशुभ समय    

🔅 दुष्टमुहूर्त  05:10 PM - 06:01 PM

🔅 कंटक  10:22 AM - 11:13 AM

🔅 यमघण्ट  01:46 PM - 02:37 PM

🔅 राहु काल  05:16 PM - 06:52 PM

🔅 कुलिक  05:10 PM - 06:01 PM

🔅 कालवेला या अर्द्धयाम  12:04 PM - 12:55 PM

🔅 यमगण्ड  12:29 PM - 02:05 PM

🔅 गुलिक काल  03:40 PM - 05:16 PM

☀ दिशा शूल    

🔅 दिशा शूल  पश्चिम  


☀ चन्द्रबल और ताराबल    

☀ ताराबल  

🔅 भरणी, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती  

☀ चन्द्रबल  

🔅 मेष, वृषभ, सिंह, तुला, धनु, मकर  


*आरती में कपूर का उपयोग* 

कपूर – दहन में बाह्य वातावरण को शुद्ध करने की अदभुत क्षमता है | इसमें जीवाणुओं, विषाणुओं तथा सूक्ष्मतर हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करने की शक्ति है | घर में नित्य कपूर जलाने से घर का वातावरण शुद्ध रहता है, शरीर पर बीमारियों का आक्रमण आसानी से नहीं होता, दु:स्वप्न नहीं आते और देवदोष तथा पितृदोषों का शमन होता है |                                              

  *वैशाख मास माहात्म्य* 

वैशाख मास सुख से साध्य, पापरूपी ईंधन  को अग्नि की भाँति जलानेवाला, अतिशय पुण्य प्रदान करनेवाला तथा धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष - चारों पुरुषार्थों को देनेवाला है ।

देवर्षि नारदजी राजा अम्बरीष से कहते हैं : ‘‘राजन् ! जो वैशाख में सूर्योदय से पहले भगवत्-चिंतन करते हुए पुण्यस्नान करता है, उससे भगवान विष्णु निरंतर प्रीति करते हैं ।

पाप तभी तक गरजते हैं जब तक जीव यह पुण्यस्नान नहीं करता ।

वैशाख मास में सब तीर्थ आदि देवता बाहर के जल (तीर्थ के अतिरिक्त) में भी सदैव स्थित रहते हैं । सब दानों से जो पुण्य होता है और सब तीर्थों में जो फल होता है, उसीको मनुष्य वैशाख में केवल जलदान करके पा लेता है । यह सब दानों से बढकर हितकारी है ।

          *वैशाख मास* 

इस मास में भक्तिपूर्वक किये गये दान, जप, हवन, स्नान आदि शुभ कर्मों का पुण्य अक्षय तथा सौ करोड़ गुना अधिक होता है। - पद्म पुराण


☀~ श्रीविद्या  पंचांग ~☀


कार्यालय

श्रीविद्यापचांग

सिद्धचक्र विहार 

मन्दसौर मध्यप्रदेश 

आप का दिन शुभ हो 

भारतमाता की जय

09977943155

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