जय श्री कृष्ण👏🏻
संस्थापक - प. पू. गुरूदेव आचार्यडाँ देवेन्द्र जी शास्त्री (धारियाखेडी)
मन्दसौर (म. प्र.)
09977943155
☀ ~ आज का श्रीविद्या पंचांग~☀
☀ 12 - May - 2022
☀ Mandsaur, India
☀~ श्रीविद्या पंचांग ~☀
🔅 तिथि एकादशी 06:53 PM
🔅 नक्षत्र उत्तरा फाल्गुनी 07:31 PM
🔅 करण :
वणिज 07:19 AM
विष्टि 07:19 AM
🔅 पक्ष शुक्ल
🔅 योग हर्शण 05:50 PM
🔅 वार गुरूवार
☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ
🔅 सूर्योदय 05:48 AM
🔅 चन्द्रोदय 03:16 PM
🔅 चन्द्र राशि कन्या
🔅 सूर्यास्त 07:03 PM
🔅 चन्द्रास्त +03:42 AM
🔅 ऋतु ग्रीष्म
☀ हिन्दू मास एवं वर्ष
🔅 शक सम्वत 1944 शुभकृत
🔅 कलि सम्वत 5124
🔅 दिन काल 01:14 PM
राक्षस संवत्सर
🔅 विक्रम सम्वत 2079
🔅 मास अमांत वैशाख
🔅 मास पूर्णिमांत वैशाख
☀ शुभ और अशुभ समय
☀ शुभ समय
🔅 अभिजित 11:59:44 - 12:52:43
☀ अशुभ समय
🔅 दुष्टमुहूर्त 10:13 AM - 11:06 AM
🔅 कंटक 03:31 PM - 04:24 PM
🔅 यमघण्ट 06:41 AM - 07:34 AM
🔅 राहु काल 02:05 PM - 03:44 PM
🔅 कुलिक 10:13 AM - 11:06 AM
🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 05:17 PM - 06:10 PM
🔅 यमगण्ड 05:48 AM - 07:28 AM
🔅 गुलिक काल 09:07 AM - 10:46 AM
☀ दिशा शूल
🔅 दिशा शूल दक्षिण
☀ चन्द्रबल और ताराबल
☀ ताराबल
🔅 भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
☀ चन्द्रबल
🔅 मेष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, धनु, मीन
*मोहिनी एकादशी*
11 मई 2022 बुधवार को शाम 07:32 से 12 मई, गुरुवार को शाम 06:51 तक एकादशी है ।
12 मई, गुरुवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें।
मोहिनी एकादशी ( उपवास से अनेक जन्मों के मेरु पर्वत जैसे महापापों का नाश )
वैशाख मास के अंतिम ३ दिन दिलायें महापुण्य पुंज
‘स्कंद पुराण’ के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष में अंतिम ३ दिन, त्रयोदशी से लेकर पूर्णिमा तक की तिथियाँ बड़ी ही पवित्र और शुभकारक हैं | इनका नाम ‘ पुष्करिणी ’ हैं, ये सब पापों का क्षय करनेवाली हैं | जो सम्पूर्ण वैशाख मास में ब्राम्हमुहूर्त में पुण्यस्नान, व्रत, नियम आदि करने में असमर्थ हो, वह यदि इन ३ तिथियों में भी उसे करे तो वैशाख मास का पूरा फल पा लेता है |
वैशाख मास में लौकिक कामनाओं का नियमन करने पर मनुष्य निश्चय ही भगवान विष्णु का सायुज्य प्राप्त कर लेता है | जो वैशाख मास में अंतिम ३ दिन ‘गीता’ का पाठ करता है, उसे प्रतिदिन अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है | जो इन तीनों दिन ‘श्रीविष्णुसहस्रनाम’ का पाठ करता है, उसके पुण्यफल का वर्णन करने में तो इस भूलोक व स्वर्गलोक में कौन समर्थ है | अर्थात् वह महापुण्यवान हो जाता है |
जो वैशाख के अंतिम ३ दिनों में ‘भागवत’ शास्त्र का श्रवण करता है, वह जल में कमल के पत्तों की भांति कभी पापों में लिप्त नहीं होता | इन अंतिम ३ दिनों में शास्त्र-पठन व पुण्यकर्मों से कितने ही मनुष्यों ने देवत्व प्राप्त कर लिया और कितने ही सिद्ध हो गये | अत: वैशाख के अंतिम दिनों में स्नान, दान, पूजन अवश्य करना चाहिए |
☀~ श्रीविद्या पंचांग ~☀
कार्यालय
श्रीविद्यापचांग
सिद्धचक्र विहार
मन्दसौर मध्यप्रदेश
आप का दिन शुभ हो
भारतमाता की जय
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