☀ ~ आज का श्रीविद्या पंचांग~☀ ☀ 21 - May - 2022

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जय श्री कृष्ण👏🏻

संस्थापक -  प. पू. गुरूदेव आचार्यडाँ देवेन्द्र जी शास्त्री (धारियाखेडी)

मन्दसौर (म. प्र.)

09977943155



☀ ~ आज का श्रीविद्या  पंचांग~☀


☀ 21 - May - 2022

☀ Mandsaur, India


☀~ श्रीविद्या  पंचांग ~☀

   

🔅 तिथि  षष्ठी  03:01 PM

🔅 नक्षत्र  श्रवण  11:47 PM

🔅 करण :

           वणिज  03:01 PM

           विष्टि  03:01 PM

🔅 पक्ष  कृष्ण  

🔅 योग :

           शुक्ल  08:11 AM

           ब्रह्म  08:11 AM

🔅 वार  शनिवार  


☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ    

🔅 सूर्योदय  05:44 AM  

🔅 चन्द्रोदय  +00:38 AM  

🔅 चन्द्र राशि  मकर  

🔅 सूर्यास्त  07:08 PM  

🔅 चन्द्रास्त  10:43 AM  

🔅 ऋतु  ग्रीष्म  


☀ हिन्दू मास एवं वर्ष    

🔅 शक सम्वत  1944  शुभकृत

🔅 कलि सम्वत  5124  

🔅 दिन काल  01:23 PM 

       राक्षस संवत्सर

🔅 विक्रम सम्वत  2079  

🔅 मास अमांत  वैशाख  

🔅 मास पूर्णिमांत  ज्येष्ठ  


☀ शुभ और अशुभ समय    

☀ शुभ समय    

🔅 अभिजित  11:59:36 - 12:53:10

☀ अशुभ समय    

🔅 दुष्टमुहूर्त  05:44 AM - 06:38 AM

🔅 कंटक  11:59 AM - 12:53 PM

🔅 यमघण्ट  03:33 PM - 04:27 PM

🔅 राहु काल  09:05 AM - 10:45 AM

🔅 कुलिक  06:38 AM - 07:31 AM

🔅 कालवेला या अर्द्धयाम  01:46 PM - 02:40 PM

🔅 यमगण्ड  02:06 PM - 03:47 PM

🔅 गुलिक काल  05:44 AM - 07:25 AM

☀ दिशा शूल    

🔅 दिशा शूल  पूर्व  


☀ चन्द्रबल और ताराबल    

☀ ताराबल  

🔅 अश्विनी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद  

☀ चन्द्रबल  

🔅 मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, मकर, मीन  


*घातक रोगों से मुक्ति पाने का उपाय*

22 मई 2022 रविवार को (सूर्योदय से दोपहर 01:00 तक) रविवारी सप्तमी है।

रविवार सप्तमी के दिन बिना नमक का भोजन करें।। सूर्य भगवान का पूजन करें, अर्घ्य दें व भोग दिखाएँ, दान करें । तिल के तेल का दिया सूर्य भगवान को दिखाएँ ये मंत्र बोलें :-

"जपा कुसुम संकाशं काश्य पेयम महा द्युतिम । तमो अरिम सर्व पापघ्नं प्रणतोस्मी दिवाकर ।।"

 घर में कोई बीमार रहता हो या घातक बीमारी हो तो परिवार का सदस्य ये विधि करें तो बीमारी दूर होगी ।

 *मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथि* 

सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं।

इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान , दान व श्राद्ध अक्षय होता है।

      *रविवार सप्तमी* 

रविवार सप्तमी के दिन जप/ध्यान करने का वैसा ही हजारों गुना फल होता है जैसा की सूर्य/चन्द्र ग्रहण में जप/ध्यान करने से होता |

रविवार सप्तमी के दिन अगर कोई नमक मिर्च बिना का भोजन करे और सूर्य भगवान की पूजा करे , तो उसकी घातक बीमारियाँ दूर हो सकती हैं , अगर बीमार व्यक्ति न कर सकता हो तो कोई और बीमार व्यक्ति के लिए यह व्रत करे | इस दिन सूर्यदेव का पूजन करना चाहिये |

 *सूर्य भगवान पूजन विधि* 

सूर्य भगवान को तिल के तेल का दिया जला कर दिखाएँ , आरती करें |

जल में थोड़े चावल ,शक्कर , गुड , लाल फूल या लाल कुम कुम मिला कर सूर्य भगवान को अर्घ्य दें |

*सूर्य भगवान अर्घ्य मंत्र* 

ॐ मित्राय नमः।

ॐ रवये नमः।

ॐ सूर्याय नमः।

ॐ भानवे नमः।

ॐ खगाय नमः।

ॐ पूष्णे नमः।

ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।

ॐ मरीचये नमः।

ॐ आदित्याय नमः।

ॐ सवित्रे नमः।

ॐ अर्काय नमः।

ॐ भास्कराय नमः।

ॐ श्रीसवितृ-सूर्यनारायणाय नमः।


☀~ श्रीविद्या  पंचांग ~☀


कार्यालय

श्रीविद्यापचांग

सिद्धचक्र विहार 

मन्दसौर मध्यप्रदेश 

आप का दिन शुभ हो 

भारतमाता की जय

09977943155

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