झाबुआ जिले के बैंकों में किसान क्रेडिट कार्ड के लिए भूमि सत्यापन की व्यवस्था को समाप्त करने के संबंध में बैठक आयोजित की गई

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मालवा लाइव।झाबुआ 


झाबुआ। अपर कलेक्टर श्री जे.एस. बघेल की अध्यक्षता में किसान क्रेडिट कार्ड के संबंध में बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में तहसीलदार झाबुआ श्री आशीष राठौर, अग्रणी बैंक प्रबंधक श्री राजेश कुमार, एसबीआई बैंक मेनेजर, बैंक अधिवक्ता एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

किसान क्रेडिट कार्ड वर्ष 1998 से देशभर में चलाया जा रहा है। इसके तहत किसानों को कम ब्याज पर बैंकों से ऋण उपलब्ध कराया जाता है। जिले में किसान क्रेडिट कार्ड की संख्या राज्य के अन्य जिलों से कम थी। जिसको लेकर राष्ट्रीय किसान संगठन के प्रयासों से केसीसी बनाने में तेजी आई है। इसके बावजूद भी एक बड़ी समस्या आ रही है। किसान क्रेडिट कार्ड केसीसी बनाने के लिए भूमि सत्यापन करना जरूरी रहता है। इसके लिए वकीलों से एक नोटरी के माध्यम से सत्यापित किया जाता है, यह नोटरी  बैंक द्वारा अधिकृत वकील ही बना सकते हैं। एक पेज की नोटरी बनाने के लिए वकील 2500 से 5000 रूपये का शुल्क वसूल रहे हैं। इस पैसा वाली व्यवस्था से किसी भी प्रकार का बैंक का संबंध नहीं है।

बैठक में उल्लेखित बिन्दुओं पर चर्चा के दौरान बैंक के अधिकृत अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि राष्ट्रीय किसान संगठन को किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए भूमि सत्यापन के पूर्व बैंक के अधिकृत अधिवक्ता द्वारा उनके कृषि भूमि के पिछले 30 वर्षो के अध्यतन राजस्व अभिलेखों/ दस्तावेजों का कानून सत्यापन किया जाता है। इस प्रक्रिया में लगभग 500/- रूपए का खर्च अधिवक्ताओं के द्वारा वजन किया जाता है तथा अधिवक्ताओं द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए बैंक की सम्पूर्ण प्रक्रिया संपादित करने के लिए 1000/-रूपए इस प्रकार बैंक के सभी कार्य हेतु कुल 1500/- रूपए बैंक शुल्क के आसपास किसानों से लिया जाता है। 

बैठक में उपरोक्त बिन्दुओं पर चर्चा उपरान्त सर्व सहमति से यह निर्णय लिया गया है कि किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के भूमि सत्यापन के लिए समस्त शुल्क सहित इस कार्य हेतु अधिकृत अधिवक्ताओं के द्वारा अधिकतम 1200/- रूपए किसानों से शुल्क ही लिया जाए तथा बैठक में लिए गए निर्णय की अवहेलना न हो इसका विशेष ध्यान रखने हेतु जिला प्रबंधक अग्रणी बैक बैंक ऑफ बडौदा को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। 

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