श्रावक श्राविकाओं को ज्यादा से ज्यादा चतुर्मास का लाभ उठाना है।युवकों को भी इस अवसर का पूरा लाभ उठाना है।

0




मालवा लाइव।पेटलावद


पेटलावद।श्रावक श्राविकाओं को ज्यादा से ज्यादा चतुर्मास का लाभ उठाना है।युवकों को भी इस अवसर का पूरा लाभ उठाना है।


यद्यपि अभी चतुर्मास लगने में समय अवशेष है।


पेटलावद श्रद्धा का पुराना क्षेत्र है।

उक्त आशय के उद्गार श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्म संघ के 11वीं अनुशास्ता युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी सुशिष्या शासन श्री साध्वी श्री मधुबालाजी ने आज पेटलावद नगर आगमन पर श्री तुलसी बाल विद्या मंदिर के प्रांगण में उपस्थित श्रावक श्राविका ओं के समक्ष व्यक्त किए।


इस अवसर पर आपने कहा कि मैं इस क्षेत्र में लगभग 45 वर्ष पूर्व साध्वी श्री सुखदेवाजी के साथ चतुर्मास कर चुकी हूं ।

और इतने वर्षों पश्चात पुनः परम पूज्य आचार्य श्री महाश्रमण जी के निर्देश से पेटलावद चतुर्मास के लिए आना हुआ है।


सबको मिलकर इस चतुर्मास में अपनी धार्मिक चेतना का विकास करना है ।


इस अवसर पर साध्वी वृंद ने तीर्थंकर पार्श्वनाथ की स्तुति गीत के द्वारा की।


 कार्यक्रम में  तेरापंथ समाज की ओर से राजेश वोरा  साध्वी वृंद का स्वागत- अभिनंदन किया।

 इससे पूर्व श्रावक श्राविकाओ ने कल्पतरु इंटरनेशनल स्कूल करडावद (पेटलावद )पहुंचकर साध्वी श्री की अगवानी की।

वहां से रैली के रूप में साध्वीश्री के साथ श्री तुलसी विद्या मंदिर पहुंचे।

إرسال تعليق

0تعليقات
إرسال تعليق (0)