पेटलावद।
माही कालोनी स्थिति दुर्गा माता मंदिर पर चल रही श्रीमद भागवत कथा के दौरान श्री कृष्ण जन्मोत्सव का आयोजन हुआ। जिसमें श्रद्धालु अपने आपको थिरकने से रोक नही पाए। इसी के साथ ब्राह्मण समाज पेटलावद ने व्यासपीठ पर विराजित पंडित लक्ष्य कृष्ण महाराज का सम्मान करते हुए उत्साह वर्धन किया।
कथा के दौरान पंडित लक्ष्य महाराज ने कहा भगवान को छप्पन भोग क्यों लेते हैं ? क्योंकि भगवान को माता यशोदा एक दिन में 8 बार भोजन कराती थी या भगवान ने 7 दिन 7 रात्रि तक गिरिराज पर्वत उठाया। माता यशोदा को कुछ भी नहीं खाया। ये प्रभु को 56 प्रकार का भोजन बनाकर भोजन कराया।
समुद्र मंथन की कथा श्रवण कराते हुए बताया गया कि चौदह रत्न ही क्यों निकले। क्योंकि 14 रत्नों के समान हमारे जीवन के भीतर 14 अवस्थेय होती है। जिसका पहला रत्न विष निकला जो कि प्रभु शंकर ने उसका पान किया। उसी प्रकार हमारे जीवन में हम जिस भी कार्य को करते हैं या प्रभु की ही भक्ति करते हैं या जो भी हमें परेशान करता है वह सब विष है या हम इस विष को किस तरह से अमृत में परिवर्तित करके मोक्ष को प्राप्त करते हैं। उसकी कथा आती है भगवान वामन की प्रभु ने बावन उंगल का ही शरीर क्यों धारण किया। क्योंकि प्रभु संपूर्ण जगत को बता रहे हैं कि मेरे लिए या उसके बचाव के लिए चाहे वो छोटा हो या बड़ा कोई भी कार्य छोटा बड़ा नहीं है मैं उसका रूप में आकर अपने भक्तों की, गौ माता ल, संतो की रक्षा करता हूँ।
आपने आगे कहा प्रभु श्री राम की या जब तक हम श्री राम के चरित्र को नहीं समझेंगे तब तक श्री कृष्ण के चरित्र को नहीं समझ सकते। क्योंकि जो श्री राम ने किया हमें वो करना है जो राम जी ने कहा वो नहीं करना है।
हमें करना क्या है जो कृष्ण ने कहा वो नहीं करना है। प्रभु ने गोपियों की मटकियां फोड़ी लड़की बैंकर ब्रज में डोले है हमें ये नहीं करना है।
हमें जो श्री कृष्ण ने कहा है वो करना है जैसी गीता का उपदेश दिया है।
ब्राह्मण समाज ने किया सम्मान-
सर्व ब्राह्मण समाज पेटलावद ने व्यासपीठ पर विराजित लक्ष्य कृष्ण महाराज का सम्मान किया।शाल श्रीफल व सम्मान पत्र भेट किया गया। इस अवसर पर समाज के अध्यक्ष मनोज जानी ने श्रदालुओं के समक्ष इस पल को सुखद को बताया और अल्प आयु में सम्पूर्ण विद्या के साथ भागवत श्रवण करवाना समाज और परिवार के लिए गौरव का क्षण है। पूर्व अध्यक्ष विनोद पुरोहित ने कहा भागवत का श्रवण करने ओर कराने वाले दोनों भाग्यशाली होते है। यह सुख हर किसी को नही मिलता। इस अवसर पर समाज के अध्यक्ष मनोज जानी, महिला मंडल अध्यक्ष संगीता त्रिवेदी, युवा मंडल अध्यक्ष अंशुल व्यास, पूर्व अध्यक्ष विनोद पुरोहित, हेमंत भट्ट, जीवन भट्ट, यश रामावत,धर्मेंद्र द्विवेदी, वीरेंद्र भट्ट, श्यामसुंदर भट्ट, सुरेश जानी, कपिलदेव त्रिपाठी, प्रवीण भट्ट, नरेंद्र चतुर्वेदी, तन्मय चतुर्वेदी, बंटी त्रिवेदी, बब्बन दवे आदि समाजजन मौजूद थे। संचालन जीवन भट्ट ने किया।