हरे राम हरे कृष्ण संकीर्तन से गूंज उठा पांडाल
जीवन में भक्ति होने पर ही भगवद् दर्शन सम्भव - आचार्य डॉ. देवेन्द्र शास्त्री
संजय पी.लोढ़ा। झाबुआ
हरेकृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे..., हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे..., जय श्री कृष्ण....। पेटलावद अंचल के ग्राम रायपुरिया मे झाबुआ रोड़ स्थित विशाल कथा पांडाल में इन दिनों ये मंत्र गूंज रहे हैं। सोलंकी परिवार मोहनकोट वालों द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत भक्ति रस महोत्सव के दूसरे दिन शुक्रवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी। व्यास पीठ से प्रवचन करते हुए भागवत भूषण आचार्य डॉ. देवेन्द्र शास्त्री ने श्रद्धालुओं को जीवन के प्रयोजन का मर्म बताया। कहा कि भागवत कथा श्रवण मनोरंजन नहीं, मन का कल्याण है। जीवन ही नहीं हर चीज के होने का प्रयोजन है। जीवन का प्रयोजन क्या है, यह समझ में जाए, तो उसी दिन से आदमी लक्ष्य की पूर्ति में लग जाए। संतों की वाणी सत्य है, यह मानना श्रद्धा की बात है। मानो तो देव नहीं तो पत्थर। यह सब मानने वाले की श्रद्धा का मामला है। पत्थर में भगवान जाते हैं, भक्तों के भाव से। वक्ता के मुख से श्रोताओं का भाव बोलता है। इसमें विद्वता का कोई मतलब नहीं। बस! व्यास पीठ पर बैठने वाला शुद्ध पवित्र रहे।
नदी की धारा के समान प्रवाहमान रहिए
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भागवत कथा में आचार्य श्री शास्त्री ने कहा कि जीवनचलने का नाम है। चरैवेती चरैवेती। नदी की तरह बहते रहो। स्वस्थ रहोगे। एक बार ब्रह्मा जी को जिज्ञासा हुई कि कमल के फूल के मूल में क्या है। तब वे कमल की नली से नीचे उतरे। इसका तात्पर्य चिंतन-मनन से है। अगर कुछ जानने की जिज्ञासा हमारे अंदर नहीं होती, तो धर्म का उदय ही नहीं होता। हर मनुष्य के मन में यह सवाल होना चाहिए कि मेरा जन्म क्यों हुआ है? यह बात मन में बैठा लो, जो कुछ होता है उसका कुछ कुछ कारण होता है।
इस अवसर भाजपा जिलाध्यक्ष प्रवीण सुराणा जिला कोषाध्यक्ष महावीर भण्डारी विधानसभा संयोजक हेमन्त भट्ट समाजसेवी एलसी पाटीदार रामनगर, पुरषोत्तम पाटीदार बावड़ी, गंगाराम पाटीदार, दुलीचंद पाटीदार, ईश्वर पाटीदार तिलगारा, पूनमचंद गहलोत पेटलावद आदि उपस्थित थे। आयोजक परिवार के बसंतीलाल सोलंकी ,वैभव सोलंकी,नमन पडियार, कुंजन मालवीया, अनोखीलाल पडियार , डाडमचंद्र पडियार ने व्यासपीठ की पूजन की है। कथा के विराम समय पर आरती संपन्न हुई।