सामाजिक समरसता मातृशक्ति आयाम ने किया कन्याओं का पूजन, साथ ही रामनवमीं शोभायात्रा का किया स्वागत

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पेटलावद।


समरसता के सबसे बड़े प्रतीक हैं हमारे प्रभु मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम। उनका जीवन मर्यादा,सामंजस्य और समरसता का ही पर्याय है। इसीलिए वे न केवल भारतीय समाज के लिए बल्कि विश्व समुदाय के लिए आदर्श हैं। प्रायः कहा जाता है कि जीवन हो तो भगवान श्रीराम जैसा।


जीवन जीने की उच्चतम मर्यादा का पथ प्रदर्शक भगवान श्रीराम के जीवन पर यदि दृष्टिपात करें तो निश्चित ही हमें जीवन के कई आयाम दिखाई देंगे,परन्तु इन सबमें सामाजिक,पारिवारिक,आंतरिक और वाह्य सभी प्रकार के समरसता का आदर्श उदाहरण कहीं और दिखाई नहीं देता। अयोध्या के जनप्रिय राजा राम ने अपने जीवन में त्याग, अनुशासन और विनम्रता का जो आदर्श चरित्र प्रस्तुत किया है, वह इस उत्तर आधुनिक काल में भी हमारे लिए एक पथ-प्रदर्शक के रूप में सहज ही भूमिका निभाता है।


इसी को दृष्टिगत रखते हुए सामाजिक समरसता मातृशक्ति आयाम पेटलावद द्वारा बुधवार नवमीं के दिन अटल बस्ती में 21 कन्याओ का पूजन किया, उसके बाद नगर में हिन्दू जागरण मंच के तत्वावधान में निकलने वाली रामनवमीं शोभायात्रा का बड़े ही जोश के साथ मातृशक्ति ने स्वागत किया।


उक्त अवसर पर सामाजिक समरसता मातृशक्ति आयाम की जिला प्रमुख मोना मेहता, जिला सह प्रमुख देवबाला सोनी, नगर प्रमुख हेमलता बैरागी, मीडिया प्रभारी शिल्पा वर्मा, नेहा सामवेदी, उषा पवार, रश्मि दवे, दीप्ति परमार, साक्षी अग्रवाल, विनीता चतुर्वेदी, शालिनी जी आदि मातृशक्ति उपस्थित रही।

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