भगवान श्री कृष्ण को को प्रसन्न करने का सबसे मुख्य साधन श्रीमद भागवत महापुराण ही है -नैमिशारण्य मैं चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण के दौरान पंडित लक्ष्य कृष्ण भारद्वाज ने कहा

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 भगवान श्री कृष्ण को को प्रसन्न करने का सबसे मुख्य साधन श्रीमद भागवत महापुराण ही है

-नैमिशारण्य मैं चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण के दौरान पंडित लक्ष्य कृष्ण भारद्वाज ने कहा


तन्मय चतुर्वेदी। टुडे रिपोर्टर



भागवत जी की सेवा, श्रवण, पाठ और दर्शन करने से पाप नाश होता है।" कृष्णे स्वधामोपगते धर्मज्ञानादिभि: सह । "भगवान् श्रीकृष्ण के धर्म, ज्ञानादि सहित अपने परमधाम चले जाने के पश्चात् कलियुग में अज्ञानान्धकार से अंधे लोगों के लिए यह श्रीमद्भागवत पुराण रूपी सूर्य इस समय उदित हुआ है।"

यह विचार श्रीमद भागवत कथा के दौरान पंडित लक्ष्य कृष्ण जी भारद्वाज ने व्यक्त किए।

आप श्री हरी शिव शक्ति धर्म सेवा संस्थान के तत्ववधान में श्री नैमिशारण्य में कथा का वाचन कर रहे है। इस यात्रा में 70 से अधिक श्रद्धालु साथ है।

आपने बताया भक्ति का एक ही मार्ग वह केवल शरणागति है।  


कहा जाता है की जब व्यास जी अनेकों प्रकार के पुराणों तथा महाभारत की रचना करने का बाद भी उनको परितोष नहीं हुआ तो उन्होंने परम पूजनीय श्रीमद भागवत महापुराण की रचना की तब व्यास जी को जाकर शांति मिली। जिसका कारण भगवान श्री कृष्ण थे जो की भागवत महापुराण के कर्णधार है। जो की इस असार संसार सागर से सुख और शांति पूर्वक पार करने के लिए मजबूत नौका के समान है। 



श्रीमद भागवत कथा प्रेम शक्ति नेत्र, और सरल भाव वाले श्री शुकदेव जी के मुख से निकला है और सम्पूर्ण सिद्धांतों का निष्कर्ष यह दिव्य ग्रन्थ जन्म और मृत्यु के भय को को समाप्त करता है और हमारे अंदर भक्ति प्रवाह को बढ़ाता है। भगवान श्री कृष्ण को को प्रसन्न करने का सबसे मुख्य साधन श्रीमद भागवत महापुराण ही है और भागवत कथा सुनने से हमारा मन तन शुद्ध हो जाता है।

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