तेरापंथ भवन में हुआ साध्वीश्री जी का चतुर्मासिक मंगल प्रवेश, समाजजनो ने की उल्लासपूर्वक अगवानी- चातुर्मास का समय भीतर की ज्योति को प्रज्वलित करने का उत्तम समय है - साध्वी श्री उर्मिलाकुमारी

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पेटलावद।टुडे रिपोर्टर

गंगा पाप का हरण (सनातन परम्परा में), चंद्रमा ताप का हरण, कल्पवृक्ष दीनता का हरण करता है, लेकिन संत समागम से पाप, ताप और दीनता इन सबका हरण स्वतः हो जाता है।
गुरु आचार्यश्री महाश्रमणजी की कृपा से प्राप्त चातुर्मास में श्रावक समाज को अपनी जीवनशैली को बदलना है, और चातुर्मास का भरपूर लाभ उठाना है। तप, जप, सामायिक आराधना और प्रवचन श्रवण मे समय को नियोजित करना है।

चातुर्मास का समय अंतर्जगत में प्रवेश का समय है। चातुर्मास का समय भीतर की ज्योति को प्रज्वलित करने  का उत्तम समय है। हम सबके भीतर अक्षय ज्योति का स्रोत प्रवाहित हो रहा है,धर्म साधना क़े द्वारा उस ज्योति को प्रज्ज्वलित करना है।

उक्त आशय के उद्गार श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्म संघ के 11वे अनुशास्ता युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या साध्वीश्री उर्मिलाकुमारीजी ने अपने चतुर्मासिक प्रवेश के अवसर पर तेरापंथ भवन मे श्रावक-श्राविकाओं के समक्ष व्यक्त किए। आपने कहा हम भगवान महावीर,आचार्यश्री भिक्षु तथा आचार्यश्री महाश्रमणजी द्वारा प्रदत्त जागरण का संदेश लेकर चतुर्मासिक क्षेत्र में आए हैं।

साध्वीश्री मृदुलयशाजी ने कहा की भारतीय संस्कृति में आगमन का स्वागत और जाने की विदाई होती है, श्रावक श्राविकाएं चातुर्मास से पूर्व अपना टारगेट सेट करें और तपस्या, जप, ध्यान, ज्ञानाराधना और संयम साधना में अपने समय का नियोजन करें और चातुर्मास को सफल बनाने का प्रयास करें।

चतुर्मासिक प्रवेश से पूर्व साध्वीवृन्द ने लोकेश हरकचंदजी भंडारी के निवास स्थान से प्रातः विहार किया। एक जुलूस के रूप में नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए आप तेरापंथ भवन पधारे।

कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ --

सर्वप्रथम साध्वीवृंद के नमस्कार महामंत्रोच्चार से कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ। तेरापंथ महिला मंडल व तेरापंथ कन्यामंडल ने स्वागत गीत की सुंदर प्रस्तुति दी। साध्वी वृन्द द्वारा भी सुमधुर गीतिका का संगान किया गया।

इस अवसर पर कन्यामंडल, महिला मंडल, तेरापंथी सभा के अध्यक्ष मनोज गादिया, तेरापन्थ महिला मंडल अध्यक्ष अनिता भंडारी, तेरापंथ कन्यामंडल संयोजिका प्रेक्षा मारू, तेरापंथ युवक परिषद उपाध्यक्ष अनुराग भंडारी, तेरापंथी महासभा क़े कार्यकारिणी सदस्य रमणलाल कोटडिया (रायपुरिया), तुलसी विकास समिति व जय ट्रस्ट से पारसमल गादिया,  सभा क़े पूर्व अध्यक्ष झमकलाल भंडारी, तेरापंथी सभा रायपुरिया अध्यक्ष प्रकाश कोटड़िया, महावीर समिति उपाध्यक्ष चेतन कटकानी,  एनी पटवा, सोनू पटवा आदि ने गीत, मुक्तक, भाषण आदि विधाओं से साध्वी वृंद का भावपूर्ण स्वागत किया। संचालन तेरापंथी सभा के मंत्री राजेश वोरा ने किया।
साध्वीवृन्द के प्रवेश के साथ श्री अशोक श्रीमाल (करवड) ने पांच उपवास की तपस्या का प्रत्याख्यान कर साध्वीवृन्द का  स्वागत किया।

चतुर्मास प्रारभ 20 जुलाई से --

20 जुलाई शनिवार को आषाढ़ शुक्ल चतुर्दशी को चतुर्मासिक पक्खी के साथ चतुर्मास का प्रारंभ हो जाएगा और साधु साध्वीवृंद चार माह के लिए एक स्थान पर रहकर स्वयं धर्मसाधना करते हुए श्रावक समाज की धर्म चेतना को जगाने का पुरुषार्थ करेंगे।

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